खास बातें
- लड़की के पिता और भाई ने कहा कि वह चाहते हैं कि देश में बलात्कार के खिलाफ जो सख्त कानून बनाने की बात की जा रही है, उसका नाम उनकी बेटी के नाम पर रखा जाए। अगर ऐसा होता है तो यह उसके प्रति सम्मान होगा।
बलिया: पूरे देश में बलात्कार की वारदात के खिलाफ कड़े कानून की मांग बुलंद होने की वजह बनी दिल्ली गैंगरेप की शिकार हुई लड़की का नाम सार्वजनिक किए जाने संबंधी केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के बयान से सहमति जताते हुए लड़की के परिजनों ने आज बलात्कार के संबंध में बनने वाले कानून का नामकरण उसके नाम पर करने की मांग की।
इधर, केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ ने कहा है कि सरकार बलात्कार पर नए कानून को दिल्ली गैंगरेप की पीड़ित के नाम पर रखने पर विचार करेगी।
लड़की के पिता और भाई ने कहा कि वह चाहते हैं कि देश में बलात्कार के खिलाफ जो सख्त कानून बनाने की बात की जा रही है, उसका नाम उनकी बेटी के नाम पर रखा जाए। अगर ऐसा होता है तो यह उसके प्रति सम्मान होगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिए उनकी पुत्री का नाम सार्वजनिक होता है तो इस पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
दिल्ली में बलात्कार का शिकार होने के बाद दम तोड़ने वाली लड़की के बलिया स्थित पैतृक गांव मेड़वार कलां के ग्राम प्रधान शिवमंदिर सिंह ने मंगलवार को ही गांव में स्थित प्राथमिक पाठशाला का नाम उस लड़की के नाम पर रखने की बात कही थी।
गौरतलब है कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री शशि थरूर ने मंगलवार को यह कहते हुए सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़ित 23 वर्षीय छात्रा की पहचान सार्वजनिक करने की वकालत की कि उसका नाम गुप्त रखने से कौन-सा हित सध रहा है।
थरूर का कहना था कि यदि पीड़िता के माता-पिता को आपत्ति न हो तो बलात्कार विरोधी संशोधित कानून का नाम लड़की के नाम पर ही रखा जाए।
वैसे, कानून के तहत बलात्कार पीड़िता का नाम उजागर नहीं किया जा सकता है। बलात्कार पीड़िता का नाम प्रकाशित करने या उसके नाम को उजागर करने संबंधी कोई गतिविधि भारतीय दण्ड विधान की धारा 228 ए के तहत अपराध है।
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर को एक चलती बस में छह व्यक्तियों ने लड़की का सामूहिक बलात्कार किया और उस पर इस कदर दरिंदगी की कि लगभग एक पखवाड़े तक जिन्दगी और मौत के बीच झूलने के बाद उसने 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया।