अमन खत्री ने कोरोना काल में शवदाह गृह में काम करने के दौरान सबसे बुरा वक्त देखा. अपनों को खोने वालों की चीख-पुकार सुनी, परिजनों को असमय दुनिया छोड़ देने का दर्द साझा किया और उन्हें आखिरी वक्त ठीक से देख भी न पाने की बेबसी भी लोगों के सिसकते चेहरों पर देखी, लेकिन आज उन्हें लग रहा है कि जल्द ही सब कुछ अच्छा हो जाएगा. अमन भी उन हेल्थ केयर वर्करों की टीम में शामिल थे, जिन्हें पहले दौर में सबसे पहले दिन कोरोना का टीका लगा.
राजीव गांधी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल दिल्ली (Rajeev Gandhi Speciality hospital Delhi) में उन्होंने कोविड की वैक्सीन ली. अमन ने कहा कि पिछला साल 10 महीने बड़ी मुश्किल से गुजरा. अमन के अनुसार, मेरे घरवाले मुझे नौकरी छोड़ने के लिए कह रहे थे, लेकिन मैं काम करता रहा. लोग मुझे देख कर गली में अपने बच्चों को अंदर बुला लेते थे. लोग कहते थे कि कोरोना लेकर आए हो. लेकिन उन्होंने सब कुछ चुपचाप सुनते हुए अपने काम में मन लगाया.
अमन ने कहा कि mortuary में काम करने में कोरोना संक्रमण के संपर्क में आने का बहुत खतरा था. घंटों काम करने के बाद जब वह PPE किट उतारते थे तो सब धुंधला दिखता था. जिनकी मौत होती थी उनके घरवालों को समझाने में बहुत मुश्किल होती थी. अमन अपने घर वालों को सुरक्षित रखने के लिए 6 महीने घर ही नहीं गए. उन्होंने कहा कि टीका लगवाकर अच्छा लग रहा है. सबको ये vaccine लेनी चाहिए ताकि दुनिया को महफूज बनाया जा सके.
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