इलाहाबाद हाईकोर्ट का फाइल फोटो...
लखनऊ:
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने एक लाख 78 हज़ार लोगों की नियुक्ति रद्द कर दी है।
उत्तर प्रदेश में 1999 के बाद से शिक्षा मित्र भर्ती किए गए लोगों में से 1 लाख 78 हज़ार लोगों को राज्य सरकार ने सहायक अध्यापक बना दिया था। इनकी नियुक्ति बिना किसी परीक्षा के ग्राम पंचायत स्तर पर मेरिट के आधार पर की गई थी।
इसके बाद कुछ लोग इसके खिलाफ अदालत में चले गए थे। राज्य सरकार के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सहायक अध्यापकों के पद पर शिक्षा मित्रों की नियुक्ति को गलत ठहरा दिया। कोर्ट ने ये भी कहा कि शिक्षामित्रों की नियुक्तियां दिहाड़ी के आधार पर हुई थी। उन्हें नियमित कर राज्य सरकार नियम बदलकर सहायक अध्यापक कैसे बना सकती है। वे वॉलंटियर थे और वही रहेंगे।
उत्तर प्रदेश में 1999 के बाद से शिक्षा मित्र भर्ती किए गए लोगों में से 1 लाख 78 हज़ार लोगों को राज्य सरकार ने सहायक अध्यापक बना दिया था। इनकी नियुक्ति बिना किसी परीक्षा के ग्राम पंचायत स्तर पर मेरिट के आधार पर की गई थी।
इसके बाद कुछ लोग इसके खिलाफ अदालत में चले गए थे। राज्य सरकार के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सहायक अध्यापकों के पद पर शिक्षा मित्रों की नियुक्ति को गलत ठहरा दिया। कोर्ट ने ये भी कहा कि शिक्षामित्रों की नियुक्तियां दिहाड़ी के आधार पर हुई थी। उन्हें नियमित कर राज्य सरकार नियम बदलकर सहायक अध्यापक कैसे बना सकती है। वे वॉलंटियर थे और वही रहेंगे।
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