नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला तेज करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वाजपेयी सरकार समेत पिछली सरकारों के विपरीत अब सारी ताकतें एक ही व्यक्ति के हाथों में केंद्रित हैं, जो बिना किसी चर्चा के निर्णय लेता है।
राहुल गांधी ने केरल प्रदेश कांग्रेस समिति की कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक को संबोधित करते हुए कहा, भाजपा में केवल मोदी बोलते हैं। वह ही निर्णय लेते हैं। यह भाजपा सरकार नहीं बल्कि मोदी सरकार है। केवल मोदी का महत्व है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत कांग्रेस हमेशा ही लोगों को अधिकारसंपन्न बनाने के पक्ष में रही है।
उन्होंने कहा कि जब देश में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली पहली भाजपा नीत सरकार थी, तब भी स्थिति भिन्न थी।
उन्होंने कहा, वाजपेयी सरकार के साथ हमारे कुछ मुद्दे थे। हम उसकी विचारधारा में यकीन नहीं करते थे, लेकिन वह अपने सहयोगियों की बातें सुनते थे। अब कोई भी यहां तक कि पार्टी मंच पर भी अपना मुंह नहीं खोल सकता। वे हमें संसद में चुप रहने को कहते हैं।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ऐसी पार्टी है जिसे सत्ता हासिल करने के लिए अवसरवादी नीतियों पर चलने में कोई परेशानी नहीं है। कुछ समय पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लंदन में एक सम्मेलन के दौरान यह कबूला था। उन्होंने कहा कि संप्रग शासन के हर जनोन्मुखी फैसले पिछले छह माह में शिथिल कर दिए गए हैं। वर्तमान सरकार जनविरोधी नीतियों पर चल रही है और उसे दो या तीन औद्योगिक घरानों के हितों के संवर्धन में दिलचस्पी है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस जनता द्वारा सरकार को दिए गए जनादेश का सम्मान करती है, लेकिन अब लोग पूछने लगे कि उसने (सरकार ने) पिछले छह माह में उनके लिए क्या किया।
उन्होंने कहा कि बदलते घटनाक्रम ने कांग्रेस को जनता को अपने साथ लाने और उनके लिए दरवाजे खोलने का अवसर प्रदान किया है।
राहुल गांधी ने पार्टी की केरल इकाई और उसकी सांगठनिक ताकत की सराहना करते हुए कहा कि उसने आगामी नगर निकाय और विधानसभा चुनाव लड़ने और जीतने का मौका दिया है। मुख्य विपक्षी माकपा अपने आतंरिक कलह की वजह से लाभ शायद ही कोई लाभ उठा पाए।
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