विज्ञापन
This Article is From Jul 16, 2018

शरियत कोर्ट के मुद्दे पर अड़ा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, कहा- जहां जरूरत होगी वहां बनाएंगे कोर्ट

चौतरफा विरोध के बाद शरियत कोर्ट के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रुख में थोड़ी नरमी आई है, लेकिन बोर्ड अभी भी शरियत कोर्ट खोलने पर अड़ा है.

शरियत कोर्ट के मुद्दे पर अड़ा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, कहा- जहां जरूरत होगी वहां बनाएंगे कोर्ट
बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि हम सिर्फ वहीं शरियत कोर्ट खोलना चाहते हैं जहां इसकी जरूरत है.
नई दिल्ली: चौतरफा विरोध के बाद शरियत कोर्ट के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रुख में थोड़ी नरमी आई है, लेकिन बोर्ड अभी भी शरियत कोर्ट खोलने पर अड़ा है. बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि हमनें कभी भी देश के सभी जिलों में शरियत कोर्ट खोलने की बात नहीं कही. बल्कि हम सिर्फ वहीं शरियत कोर्ट खोलना चाहते हैं जहां इसकी जरूरत है और जहां लोग चाहते हैं कि कोर्ट खुले. उन्होंने कहा कि शरिया बोर्ड कोई कोर्ट नहीं है. बीजेपी-आरएसएस शरियत कोर्ट के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. जफरयाब जिलानी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहा है और जागरूकता के लिए देशभर में वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा. आपको बता दें कि पिछले दिनों ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हर जिले में शरियत कोर्ट खोलने की घोषणा की थी. 

यह भी पढ़ें :  ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक 15 जुलाई को, हर जिले में शरीयत अदालत खोलने पर विचार

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा था कि इस वक्त उत्तर प्रदेश में करीब 40 दारुल-कजा हैं. कोशिश है कि हर जिले में कम से कम एक ऐसी अदालत जरूर हो. इसका मकसद है कि मुस्लिम लोग अपने मसलों को अन्य अदालतों में ले जाने के बजाय दारुल-कजा में सुलझाएं. एक अदालत पर हर महीने कम से कम 50 हजार रुपये खर्च होते हैं. अब हर जिले में दारुल-कजा खोलने के लिये संसाधन जुटाने पर विचार-विमर्श होगा.  जिलानी ने कहा कि कमेटी की कई कार्यशालाओं में न्यायाधीशों ने भी हिस्सा लिया है. इनमें मीडिया को भी इनमें आमंत्रित किया जाता है, ताकि वे शरीयत के मामलों को सही तरीके से जनता के बीच ला सकें. शरियत कोर्ट के मुद्दे पर सियासत भी शुरू हो गई थी. तमाम दलों ने इसका खुलकर विरोध किया. तो वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई थी. 

यह भी पढ़ें : शरीयत अदालतों को कानूनी दर्जा नहीं : सुप्रीम कोर्ट

VIDEO: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक 15 जुलाई को, हर जिले में शरीयत अदालत खोलने पर विचार

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com