उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर पत्र जारी करने वाले गृह विभाग के सचिव सर्वेश चंद्र मिश्रा को रविवार को निलंबित कर दिया। निलंबन की अवधि में मिश्रा राजस्व परिषद से संबद्ध रहेंगे।
राज्य सरकार की तरफ से रविवार देर शाम इसकी आधिकारिक जानकारी दी गई। राज्य सरकार के मुताबिक मिश्रा द्वारा प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव की अध्यक्षता में 14 अक्टूबर को होने वाली बैठक की सूचना में वास्तविक विषय न डालकर गलत, विवादित और अत्यधिक भ्रामक विषय अंकित करते हुए नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे।
सरकार के मुताबिक, मिश्रा के इस त्य से अत्यंत असमंजसपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई और आम जनमानस में पूरी तरह से गलत संदेश गया। मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई का निर्णय लिया गया है।
उल्लखनीय है कि गृह सचिव की तरफ से विगत नौ अक्टूबर को पुलिस और वरिष्ठ प्रशासनकि अधिकारियों को पत्र भेजकर अयोध्या में राममंदिर के निर्माण पर चर्चा करने के लिए बैठक में शामिल होने को कहा गया था।
इस बैठक में पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था), पुलिस महानिरीक्षक (रेलवे), पुलिस महानिरीक्षक (अभिसूचना) तथा फैजाबाद के पुलिस महानिरीक्षक, जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को बुलाया गया था। बैठक 14 अक्टूबर को प्रमुख सचिव (गृह) आरएम श्रीवास्तव की अध्यक्षता में लाल बहादुर शास्त्री भवन में होनी थी।
मामले के तूल पकड़ने के बाद श्रीवास्तव ने शनिवार देर शाम संवाददाताओं से पत्र के विषय को टाइपिंग की गलती बताते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी और बताया था कि बैठक कानून व्यवस्था की समीक्षा को लेकर बुलाई गई थी।
इस मामले पर विपक्षी दलों द्वारा सरकार की जमकर घेराबंदी की गई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ से कार्रवाई तय माना जा रहा था।
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