दादरी:
अख़लाक़ की हत्या के आरोपी रवि उर्फ रॉबिन मौत की न्यायिक हिरासत में मौत के बाद बिसाहड़ा गांव का माहौल गर्म है. आरोप है कि जेल में पिटाई की वजह से आरोपी की हत्या हुई. दिल्ली से करीब 50 किलोमीटर दूर दादरी के बिसाहड़ा गांव में लोग एक बार फिर गुस्से में हैं.
इस मामले को लेकर गांव की गलियों में विरोध मार्च हुआ और अखिलेश यादव का पुतला जलाया गया. कुछ लोगों ने भाषण देकर लोगों को उकसाने की कोशिश भी की. गांव के माहौल को देखते हुए गांव में जगह-जगह भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है.
रवि के घरवालों का आरोप है कि जेल में पिटाई होने से रवि की मौत हुई. रवि अपने कई साथियों के साथ हत्या के आरोप में पिछले एक साल से कासना जेल में बंद था. जेल के अधिकारी इस मामले पर कैमरे पर तो कुछ नहीं बोल रहे लेकिन उन्होंने बताया कि रवि को तबीयत खराब होने पर 30 सितंबर को नोएडा के सरकारी अस्पताल में दिखाया गया.
अस्पताल ने मेडिकल जांच के बाद उसे वापस भेज दिया था.उसके बाद उसका इलाज जेल के अस्पताल में ही चलता रहा. 4 सितंबर को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे फिर से नोएडा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. वहां से उसे दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में रेफर कर दिया गया और 4 सितंबर की देर शाम उसकी मौत हो गई.
एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि रवि को सांस लेने की परेशानी के साथ-साथ, तेज बुखार और शुगर लेवल बहुत ज्यादा था. शुरुआती जांच में उसकी मौत की वजह किडनी फेल होना बताया गया है हालांकि मौत की सही वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही साफ़ हो पाएगी.
गांव के लोगों और रवि के परिवार के लोगों का कहना है कि उन्हें एक करोड़ का मुआवजा मिले. जेलर के खिलाफ कार्रवाई हो और गोकशी के आरोप में अख़लाक़ के भाई जान मोहम्मद को गिरफ्तार किया जाए. वहीं कोर्ट ने अखलाक की हत्या के आरोप में जेल में बंद बाकी के 14 आरोपियों की उस अर्जी को खारिज़ कर दिया जिसमें उन्होंने रवि के अंतिम संस्कार में शामिल होने की मांग की थी.
इस मामले को लेकर गांव की गलियों में विरोध मार्च हुआ और अखिलेश यादव का पुतला जलाया गया. कुछ लोगों ने भाषण देकर लोगों को उकसाने की कोशिश भी की. गांव के माहौल को देखते हुए गांव में जगह-जगह भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है.
रवि के घरवालों का आरोप है कि जेल में पिटाई होने से रवि की मौत हुई. रवि अपने कई साथियों के साथ हत्या के आरोप में पिछले एक साल से कासना जेल में बंद था. जेल के अधिकारी इस मामले पर कैमरे पर तो कुछ नहीं बोल रहे लेकिन उन्होंने बताया कि रवि को तबीयत खराब होने पर 30 सितंबर को नोएडा के सरकारी अस्पताल में दिखाया गया.
अस्पताल ने मेडिकल जांच के बाद उसे वापस भेज दिया था.उसके बाद उसका इलाज जेल के अस्पताल में ही चलता रहा. 4 सितंबर को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे फिर से नोएडा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. वहां से उसे दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में रेफर कर दिया गया और 4 सितंबर की देर शाम उसकी मौत हो गई.
एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि रवि को सांस लेने की परेशानी के साथ-साथ, तेज बुखार और शुगर लेवल बहुत ज्यादा था. शुरुआती जांच में उसकी मौत की वजह किडनी फेल होना बताया गया है हालांकि मौत की सही वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही साफ़ हो पाएगी.
गांव के लोगों और रवि के परिवार के लोगों का कहना है कि उन्हें एक करोड़ का मुआवजा मिले. जेलर के खिलाफ कार्रवाई हो और गोकशी के आरोप में अख़लाक़ के भाई जान मोहम्मद को गिरफ्तार किया जाए. वहीं कोर्ट ने अखलाक की हत्या के आरोप में जेल में बंद बाकी के 14 आरोपियों की उस अर्जी को खारिज़ कर दिया जिसमें उन्होंने रवि के अंतिम संस्कार में शामिल होने की मांग की थी.
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