लखनऊ:
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोलते हुए मंगलवार को कहा कि वह राज्य को भी उसी तरह चलाना चाहते हैं, जिस तरह से समाजवादी पार्टी (सपा) को चलाते हैं। बीजेपी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा है कि उन्हें बड़े मन से अपनी भूल स्वीकार करनी चाहिए।
बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, "अखिलेश सूबे को भी अपनी पार्टी की तरह ही चलाने पर आमादा हैं। उन्हें जो ठीक लगेगा वह रहेगा जो नही लगेगा वह नहीं रहेगा। अपनी सुविधा के अनुसार वह सूबे को चलाने की कोशिश कर रहे हैं।"
पाठक ने कहा कि सपा के नेता कभी बिना आईएएस के सरकार चलाने का बयान देकर अपनी खीझ उतारते हैं तो कभी नेताओं को उप्र न आने तक की सलाह दे डालते हैं।
उन्होंने कहा, "निलम्बित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में बड़े मन से सरकार को अपनी भूल स्वीकार कर लेनी चाहिए। कई मुद्दों पर रोल बैक करने वाली सरकार इस मामले में अपनी भूल को क्यों नहीं स्वीकार कर रही है। आखिर किसके दबाव में सरकार अपनी भूल को स्वीकार करने से बच रही है।"
उन्होंने कहा कि सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने पिछले दिनों यह स्वीकार किया था कि दुर्गा शक्ति नागपाल के खिलाफ कुछ ज्यादा ही कड़ी कार्रवाई कर दी गई। अचानक ही उनका यू-टर्न लेते हुए यह कहना कि बिना आईएएस अधिकारियों के ही प्रदेश चला लेंगे, प्रदेश को अराजकता की ओर ढकेलने की बड़ी साजिश का एक हिस्सा है।
पाठक ने कहा कि स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) रिपोर्ट के समाने आने के बाद भी यह बात साबित हो गई है कि दुर्गा शक्ति नागपाल का निलम्बन कहीं से भी जायज नहीं है। मुख्यमंत्री जिस दुर्गा शक्ति नागपाल को निलम्बित करने के पीछे यह हवाला दे रहे हैं कि उन्हें खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर निलम्बित किया गया, उसी रिपोर्ट में दुर्गा शक्ति के खिलाफ ऐसी किसी प्रकार की बात का उल्लेख तक नहीं किया गया है।
पाठक ने कहा कि विभिन्न रिपोर्टों से यह साबित हो गया है कि सरकार इस पूरे प्रकरण में सिर्फ अपनी मनमानी करने पर तुली हुई है और इसका दुष्परिणाम एक ईमानदार महिला आईएएस अधिकारी को भुगतना पड़ रहा है।
बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, "अखिलेश सूबे को भी अपनी पार्टी की तरह ही चलाने पर आमादा हैं। उन्हें जो ठीक लगेगा वह रहेगा जो नही लगेगा वह नहीं रहेगा। अपनी सुविधा के अनुसार वह सूबे को चलाने की कोशिश कर रहे हैं।"
पाठक ने कहा कि सपा के नेता कभी बिना आईएएस के सरकार चलाने का बयान देकर अपनी खीझ उतारते हैं तो कभी नेताओं को उप्र न आने तक की सलाह दे डालते हैं।
उन्होंने कहा, "निलम्बित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में बड़े मन से सरकार को अपनी भूल स्वीकार कर लेनी चाहिए। कई मुद्दों पर रोल बैक करने वाली सरकार इस मामले में अपनी भूल को क्यों नहीं स्वीकार कर रही है। आखिर किसके दबाव में सरकार अपनी भूल को स्वीकार करने से बच रही है।"
उन्होंने कहा कि सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने पिछले दिनों यह स्वीकार किया था कि दुर्गा शक्ति नागपाल के खिलाफ कुछ ज्यादा ही कड़ी कार्रवाई कर दी गई। अचानक ही उनका यू-टर्न लेते हुए यह कहना कि बिना आईएएस अधिकारियों के ही प्रदेश चला लेंगे, प्रदेश को अराजकता की ओर ढकेलने की बड़ी साजिश का एक हिस्सा है।
पाठक ने कहा कि स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) रिपोर्ट के समाने आने के बाद भी यह बात साबित हो गई है कि दुर्गा शक्ति नागपाल का निलम्बन कहीं से भी जायज नहीं है। मुख्यमंत्री जिस दुर्गा शक्ति नागपाल को निलम्बित करने के पीछे यह हवाला दे रहे हैं कि उन्हें खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर निलम्बित किया गया, उसी रिपोर्ट में दुर्गा शक्ति के खिलाफ ऐसी किसी प्रकार की बात का उल्लेख तक नहीं किया गया है।
पाठक ने कहा कि विभिन्न रिपोर्टों से यह साबित हो गया है कि सरकार इस पूरे प्रकरण में सिर्फ अपनी मनमानी करने पर तुली हुई है और इसका दुष्परिणाम एक ईमानदार महिला आईएएस अधिकारी को भुगतना पड़ रहा है।
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