अजमेर शरीफ के दीवान ने कहा- जब सेना है तैयार तो किस का है इंतेज़ार...

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के बारे में सेना प्रमुख मनोज मुकंद नरवणे के बयान का स्वागत करते हुए अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने शनिवार को कहा कि फौज को पीओके वापस लेने का आदेश दिया जाना चाहिए.

अजमेर शरीफ के दीवान ने कहा- जब सेना है तैयार तो किस का है इंतेज़ार...

शनिवार को सेना प्रमुख ने कहा था कि सरकार आदेश तो पीओके पर कार्रवाई होगी

खास बातें

  • अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन हैं
  • सेना प्रमुख ने शनिवार को दिया था बयान
  • 'सरकार आदेश दे तो सेना तैयार'
नई दिल्ली:

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के बारे में सेना प्रमुख मनोज मुकंद नरवणे के बयान का स्वागत करते हुए अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने शनिवार को कहा कि फौज को पीओके वापस लेने का आदेश दिया जाना चाहिए. खान ने ट्वीट किया, 'जब सेना है तैयार तो किस का है इंतज़ार. भारतीय संसद को सेना को आदेश देना चाहिए कि वह पीओके को भारत में सम्मिलित करे.' खान ने लिखा है, 'भारत अपने इस अभिन्न हिस्से को वापस लाकर कश्मीर को सम्पूर्ण कश्मीर बनाए बल्कि अखंड कश्मीर का सपना भी पूरा करे.' सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को कहा कि यदि सेना को संसद से आदेश मिलता है तो वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को अपने नियंत्रण में ले सकती है.   एम एम नरवणे ने शनिवार को कहा कि सेना चीन से लगी सीमा पर किसी सुरक्षा चुनौती का मुकाबला करने के लिए संचालन तैयारियों को पुनर्संतुलित करने के रुख सहित अत्याधुनिक हथियार तैनात करने और बुनियादी ढांचा विकसित करने सहित कई उपाय कर रही है. जनरल नरवणे ने सेना दिवस की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों सेनाओं के बीच काफी समय से लंबित हॉटलाइन जल्द ही स्थापित की जाएगी क्योंकि इसे लेकर मतभेद दूर हो गए हैं. 

उन्होंने कहा, 'हमें उत्तरी सीमा पर अपनी तैयारियों का संतुलन करना होगा. हम क्षमता निर्माण के लिए, सीमावर्ती इलाकों में सड़कें बनाने, गोलाबारूद के भंडार बनाने के लिए और अपने पूरब की ओर अत्याधुनिक हथियार प्रणाली तैनात करने के लिए काफी कुछ कर रहे हैं. सियाचिन ग्लेशियर में स्थिति के बारे में पूछे जाने पर थल सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय बलों को चौकन्ना रहना चाहिए क्योंकि उस इलाके में चीन और पाकिस्तान के बीच सांठगांठ का खतरा है. उन्होंने कहा कि थल सेना अपनी तैयारियों के पुनर्संतुलन के परिणामस्वरूप अब चीन से लगी सीमा पर किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि एक समय मुख्य ध्यान पश्चिमी सीमा (पाकिस्तान) की ओर होता था. लेकिन हमें अब लगता है कि पश्चिमी और उत्तरी सीमा समान रूप से महत्वपूर्ण हैं तथा उस परिप्रेक्ष्य में पुनर्संतुलन हो रहा है. यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान और चीन, दो मोर्चों पर एक समय पर निपटने के लिए सेना कितनी तैयार है ? उन्होंने कहा कि एक प्राथमिक मोर्चे और एक द्वितीयक मोर्चे की पहचान की जाएगी. 

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उन्होंने कहा कि प्राथमिक मोर्चे पर काफी सारे संसाधन तैनात किए जाएंगे. चीनी सैनिकों के भारतीय भूक्षेत्र के अंदर घुसने की घटनाओं पर जनरल नरवणे ने कहा कि ऐसे मुद्दे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा दिए गए रणनीतिक दिशानिर्देश के व्यापक ढांचा के तहत हल किए जा रहे हैं. 



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)