नई दिल्ली:
गुजरात के मुख्यमंत्री व भाजपा नेता नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के बारे में दिए गए बयान को लेकर दोनों दलों के बीच राजनीतिक तल्खियां एक बार फिर बढ़ गई है। कांग्रेस ने जहां मोदी पर पलटवार करते हुए धर्मनिरपेक्षता के 'बुर्के' को नग्न साम्प्रदायिकता से बेहतर बताया, वहीं भाजपा के कई नेता सोमवार को मोदी के बचाव में आ गए। मोदी ने कहा था कि संकट आने पर कांग्रेस धर्मनिरक्षेता के 'बुर्के' में छिप जाती है।
मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोमवार को कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा, "धर्मनिरपेक्षता का 'बुर्का' नग्न साम्प्रदायिकता से कहीं अधिक बेहतर है। साम्प्रदायिकता देश को बांटती है, जबकि धर्मनिरपेक्षता इसे एकजुट रखती है।" उन्होंने मोदी को यह भी नसीहत दी कि पहले अपने राज्य की स्थिति बेहतर बनाएं और फिर केंद्र को विकास पर सीख दें। माकन ने संवाददाताओं से कहा, "मोदी को केंद्र सरकार की आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में वह विफल रहे हैं। उन्हें झूठी आभा बनाने का अधिकार नहीं है।"
मोदी ने शनिवार को पुणे में एक रैली को संबोधित करते हुए संप्रग पर आर्थिक विकास के मामले में भी विफल रहने का आरोप लगाया था, जिसके जवाब में माकन ने सोमवार को कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने वर्ष 1998-2004 के छह वर्ष के कार्यकाल में और गुजरात में स्वयं मोदी की सरकार ने उतना विकास नहीं किया, जितना संप्रग के कार्यकाल में हुआ।
माकन ने कहा, "हमें गलत तथ्यों पर आधारित उनके आरोपों का जवाब देने की जरूरत है। हम अपनी सफलता की कहानी लोगों को बताना चाहते हैं।"
माकन ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल एवं आर्थिक विकास सहित बहुत से मामलों में संप्रग ने राजग सरकार से बेहतर प्रदर्शन किया है। राजग के कार्यकाल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) केवल 1.67 प्रतिशत था, जबकि संप्रग के कार्यकाल में यह 4.02 प्रतिशत है।
भाजपा पर हमला करते हुए कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह देश को बांटने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा, "भाजपा देश को विविधता और साम्प्रदायिक विचारधारा में यकीन रखने वालों के बीच बांटना चाहती है।"
वहीं, भाजपा के नेताओं ने मोदी का बचाव किया। पार्टी की युवा शाखा, अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा, "मोदी ने जो कुछ भी कहा, वह सही है। कांग्रेस के पास जब भी सवालों के जवाब नहीं होते, वह खुद को बुर्के में छिपा लेती है।" उन्होंने खाद्य सुरक्षा पर अध्यादेश को चुनावी रणनीति करार दिया।
भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि कांग्रेस को मोदी के कार्यों की आलोचना करने का अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय और योजना आयोग तक ने गुजरात के विकास को स्वीकार किया है।
उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले महीने राजग से अलग होने के अपनी पार्टी के फैसले को वाजिब ठहराया और मोदी का नाम लिए बगैर कहा, "भाजपा के नेता एक खास समुदाय को आहत करने वाली भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में राजग से अलग होने का पिछले माह का हमारा फैसला सही साबित होता है।"
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर उनकी टिप्पणी राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा को सलाह नहीं थी, बल्कि यह पूरे राजनीतिक वर्ग के लिए था।
सिन्हा ने रविवार को कहा था कि दंगों पर मोदी के बयान से लोगों का ध्यान भ्रष्टाचार के मुद्दे से भटकेगा। उनका यह बयान शनिवार को मोदी के एक साक्षात्कार के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वर्ष 2002 के दंगों के दौरान उन्होंने जो कुछ भी किया था, वह 'ठीक' था और यदि एक 'पिल्ला' भी कार के नीचे आकर मरता है तो उससे दुख होता है।
मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोमवार को कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा, "धर्मनिरपेक्षता का 'बुर्का' नग्न साम्प्रदायिकता से कहीं अधिक बेहतर है। साम्प्रदायिकता देश को बांटती है, जबकि धर्मनिरपेक्षता इसे एकजुट रखती है।" उन्होंने मोदी को यह भी नसीहत दी कि पहले अपने राज्य की स्थिति बेहतर बनाएं और फिर केंद्र को विकास पर सीख दें। माकन ने संवाददाताओं से कहा, "मोदी को केंद्र सरकार की आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में वह विफल रहे हैं। उन्हें झूठी आभा बनाने का अधिकार नहीं है।"
मोदी ने शनिवार को पुणे में एक रैली को संबोधित करते हुए संप्रग पर आर्थिक विकास के मामले में भी विफल रहने का आरोप लगाया था, जिसके जवाब में माकन ने सोमवार को कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने वर्ष 1998-2004 के छह वर्ष के कार्यकाल में और गुजरात में स्वयं मोदी की सरकार ने उतना विकास नहीं किया, जितना संप्रग के कार्यकाल में हुआ।
माकन ने कहा, "हमें गलत तथ्यों पर आधारित उनके आरोपों का जवाब देने की जरूरत है। हम अपनी सफलता की कहानी लोगों को बताना चाहते हैं।"
माकन ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल एवं आर्थिक विकास सहित बहुत से मामलों में संप्रग ने राजग सरकार से बेहतर प्रदर्शन किया है। राजग के कार्यकाल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) केवल 1.67 प्रतिशत था, जबकि संप्रग के कार्यकाल में यह 4.02 प्रतिशत है।
भाजपा पर हमला करते हुए कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह देश को बांटने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा, "भाजपा देश को विविधता और साम्प्रदायिक विचारधारा में यकीन रखने वालों के बीच बांटना चाहती है।"
वहीं, भाजपा के नेताओं ने मोदी का बचाव किया। पार्टी की युवा शाखा, अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा, "मोदी ने जो कुछ भी कहा, वह सही है। कांग्रेस के पास जब भी सवालों के जवाब नहीं होते, वह खुद को बुर्के में छिपा लेती है।" उन्होंने खाद्य सुरक्षा पर अध्यादेश को चुनावी रणनीति करार दिया।
भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि कांग्रेस को मोदी के कार्यों की आलोचना करने का अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय और योजना आयोग तक ने गुजरात के विकास को स्वीकार किया है।
उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले महीने राजग से अलग होने के अपनी पार्टी के फैसले को वाजिब ठहराया और मोदी का नाम लिए बगैर कहा, "भाजपा के नेता एक खास समुदाय को आहत करने वाली भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में राजग से अलग होने का पिछले माह का हमारा फैसला सही साबित होता है।"
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर उनकी टिप्पणी राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा को सलाह नहीं थी, बल्कि यह पूरे राजनीतिक वर्ग के लिए था।
सिन्हा ने रविवार को कहा था कि दंगों पर मोदी के बयान से लोगों का ध्यान भ्रष्टाचार के मुद्दे से भटकेगा। उनका यह बयान शनिवार को मोदी के एक साक्षात्कार के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वर्ष 2002 के दंगों के दौरान उन्होंने जो कुछ भी किया था, वह 'ठीक' था और यदि एक 'पिल्ला' भी कार के नीचे आकर मरता है तो उससे दुख होता है।
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