प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
अब घरेलू उड़ानों में एयरलाइंस द्वारा बिठाने से इनकार करने पर यात्री को भारी भरकम मुआवजा देना होगा। एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए के नए दिशानिर्देशों में विशेष मामलों में भारी मुआवजे की व्यवस्था की गई है।
मुआवजे के संशोधित मापदंड 1 अगस्त से लागू होंगे। इसके मुताबिक उड़ान के स्थगित होने या दो घंटे से अधिक की देरी होने पर एयरलाइन को 10000 रुपए तक मुआवजा देना होगा। यदि प्लेन में यात्री को बिठाने से इनकार किया जाता है तो 20000 रुपए तक मुआवजा देना होगा। फिलहाल एयरलाइनें इस तरह के मामलों में 4000 रुपए तक मुआवजा देती हैं।
मुआवजे के संशोधित मापदंड एयरलाइनों सहित इससे जुड़े सभी हितधारकों से विचार विमर्श के बाद लागू किए जाएंगे। एयर पैसेंजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष डी सुधाकर रेड्डी का कहना है कि नए मापदंडों में कुछ अस्पष्टता है जिसे साफ करने की जरूरत है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुआवजे के संशोधित मापदंड 1 अगस्त से लागू होंगे। इसके मुताबिक उड़ान के स्थगित होने या दो घंटे से अधिक की देरी होने पर एयरलाइन को 10000 रुपए तक मुआवजा देना होगा। यदि प्लेन में यात्री को बिठाने से इनकार किया जाता है तो 20000 रुपए तक मुआवजा देना होगा। फिलहाल एयरलाइनें इस तरह के मामलों में 4000 रुपए तक मुआवजा देती हैं।
मुआवजे के संशोधित मापदंड एयरलाइनों सहित इससे जुड़े सभी हितधारकों से विचार विमर्श के बाद लागू किए जाएंगे। एयर पैसेंजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष डी सुधाकर रेड्डी का कहना है कि नए मापदंडों में कुछ अस्पष्टता है जिसे साफ करने की जरूरत है।
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