वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट पटाखों के लाइसेंस निलंबित करने के पक्ष में

वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट पटाखों के लाइसेंस निलंबित करने के पक्ष में

सुप्रीम कोर्ट वायु प्रदूषण रोकने के लिए पटाखों के लाइसेंस निलंबित करने के पक्ष में है.

नई दिल्ली:

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निरंतर खराब हो रही वायु की गुणवत्ता से चिंतित उच्चतम न्यायालय ने राजधानी में पटाखे रखने, उनका भण्डारण करने और बेचने के लाइसेंस निलंबित करने तथा उनका नवीनीकरण नहीं करने का केन्द्र को निर्देश देने की संभावना आज टटोलनी शुरू कर दी.

प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर कदम दर कदम आगे बढ़ेगी क्योंकि ये पटाखे अब जीवन का हिस्सा बन चुके हैं और इसके बारे में तर्कसंगत आदेश की आवश्यकता है ताकि इसे लागू किया जा सके.

खंडपीठ ने इस मामले में आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा, ‘‘थोड़ा धैर्य रखिए. यह एक ही रात में नहीं किया जा सकता है। हम देश और दिल्ली के लिए जो भी बेहतर होगा करेंगे. हमारे द्वारा दिया गया कोई भी आदेश तर्कसंगत होना चाहिए ताकि इसे लागू किया जा सके.’’ पीठ को जब यह बताया गया कि शादी विवाह और त्यौहारों के मौसम में बड़ी संख्या में पटाखे चलाए जाते हैं तो खंडपीठ ने कहा, ‘‘यदि हम पटाखों पर प्रतिबंध लगाते हैं तो दगने वाला प्रत्येक पटाखा हमारे आदेश का उल्लंघन होगा। हम सभी पहलुओं पर विचार करके ही सीमित अवधि के लिये अंतरिम आदेश देंगे.’’ न्यायालय ने कहा कि वह ऐसा आदेश पारित करने पर विचार कर रही है कि अब कोई नया लाइसेंस नहीं दिया जाएगा और मौजूद लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होगा या हम केन्द्र को निर्देश दे सकते हैं कि वह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मौजूदा लाइसेंस निलंबित करने का आदेश जारी करे.

पीठ ने कहा कि इस मामले में पटाखों पर विस्तृत शोध और वायु की गुणवत्ता, स्वास्थ्य और जीवन शैली पर इसके प्रभाव के बारे में रिपोर्ट पर गौर किये बगैर कोई अंतिम आदेश नहीं देगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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