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This Article is From Feb 08, 2022

Air India के कर्मचारियों के भत्ते में कटौती को चुनौती देने वाली याचिका उच्च न्यायालय में खारिज

अदालत ने अपने आदेश में प्रतिवादी की दलीलों पर भी संज्ञान लिया कि कोविड महामारी के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित विमानन उद्योग हुआ है और एअर इंडिया को करीब 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और उसका नकद घाटा 250 करोड़ रुपये प्रतिमाह पहुंच गया है. 

Air India के कर्मचारियों के भत्ते में कटौती को चुनौती देने वाली याचिका  उच्च न्यायालय में खारिज
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एअर इंडिया के कर्मचारियों के भत्ते में कटौती को चुनौती देने वाली एक्जेक्यूटिव पायलट्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स एसोसिएशन की याचिकाएं खारिज कर दी हैं. न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव ने कहा कि इसमें कोई भेदभाव नहीं किया गया है और ‘‘पायलटों तथा इंजीनियरों की तरह ही तर्कपूर्ण आधार पर उनके भत्तों में कटौती की गई है.''

न्यायमूर्ति राव ने कहा कि यह केन्द्र सरकार और एअर इंडिया पर निर्भर था कि वे सभी तथ्यों, बातों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भत्तों में तर्कपूर्ण कटौती करें और जब तक यह कटौती मनमानी नहीं है, इसमें न्यायिक समीक्षा की गुंजाइश बहुत कम है.

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अदालत ने सात फरवरी (सोमवार) के अपने आदेश में प्रतिवादी की दलीलों पर भी संज्ञान लिया कि कोविड महामारी के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित विमानन उद्योग हुआ है और एअर इंडिया को करीब 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और उसका नकद घाटा 250 करोड़ रुपये प्रतिमाह पहुंच गया है. अदालत ने कहा कि मामले में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भत्तों के तर्कपूर्ण वितरण पर प्रतिवादियों के अधिकारों पर कोई सवाल नहीं उठाया था. 
 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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