कोरोना महामारी के बीच पिछले साल मई में विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए पहले वंदे भारत मिशन के बाद, एयर इंडिया एक्सप्रेस की ओर से पहले फुली वैक्सीनेटेड इंटरनेशनल फ्लाइट ने देश के बाहर उड़ान भरी है. विमानन कर्मचारियों के लिए यह लंबी और अनिश्चिता से भरी स्थिति रही है लेकिन आखिरकार इसमें सफलता मिली है. कम लागत वाली भारतीय एयरलाइन कंपनी ने फुली कोविड-19 वैक्सीनेटेड क्रू के साथ देश से पहली इंटरनेशनल फ्लाइट संचालित की. उड़ान IX 191 ने सुबह 10:40 बजे दिल्ली से दुबई के लिए उड़ान भरी, इस फ्लाइट के सारे क्रू मेंबर कोरानावायरस से वैक्सीनेटेड हैं.
एयरलाइन की ओर से कहा गया है, 'कैप्टन डीआर गुप्ता, और कैप्टन आलोक कुमार नायक ने फ्लाइट की अगुवाई की, इसमें वेंकट केल्ला, प्रवीण चंद्रा, विपिन चौगुले औार मनीष कांबले क्रू मेंबर हैं. यही फ्लाइट IX 196 दुबई से जयपुर होते हुए वापस लौटी.' कैप्टन आलोक कुमार नायक ने कहा, 'यह भारत से ऐसी पहली इंटरनेशनल फ्लाइट थी जिसमें फुली वैक्सीनेटेड क्रू था.' एयरइंडिया एक्सप्रेस ने वंदे भारत मिशन के तहत 7000 से फ्लाइट संचालित की, सभी फ्लाइट्स में उड़ान भरने के पूर्व और उड़ान भरने के बाद टेस्ट हुए. गौरतलब है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक कम के कम 17 पायलट कोविड-19 या इससे संबंधित परेशानियों के कारण जान गंवा चुके हैं.
पायलटों के एक संगठन ने बंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से जान गंवाने वाले पायलटों के लिए समुचित मुआवजा, टीकाकरण में प्राथमिकता और महामारी के दौरान काम करने वालों को बीमा कवरेज के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है. ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट' द्वारा 7 जून को दाखिल याचिका में कहा गया है कि महामारी के दौरान पायलटों ने जरूरी सेवाएं मुहैया करायी हैं.याचिका में कोविड-19 से जान गंवाने वाले पायलटों के परिवारों को 10 करोड़ रुपये मुआवजा देने का केंद्र को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.
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