एयर कार्गो सेवा का उद्देश्य अफगानिस्तान को भारतीय बाजार में एक वैकल्पिक व्यापार लिंक देना है. ( फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बहुप्रतीक्षित भारत-अफगानिस्तान हवाई माल ढुलाई गलियारा (एयर कार्गो कॉरीडोर) अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा. इससे अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी, क्योंकि पाकिस्तान भारतीय माल को सड़क मार्ग से अफगानिस्तान ले जाने की अनुमति नहीं देता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने शुक्रवार को कहा, 'भारत और अफगानिस्तान के बीच माल ढुलाई गलियारा अब हकीकत बनने की कगार पर है.'
प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चारों तरफ से विदेशी जमीन से घिरे (लैंडलॉक) अफगानिस्तान के बीच माल ढुलाई की कठिनाइयों को दूर करने के लिए 'समर्पित माल ढुलाई गलियारा' बनाने का निर्णय पिछले साल दिसंबर में अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के भारत दौरे के दौरान लिया गया था. दोनों देशों के बीच सड़क संपर्क पाकिस्तान के माध्यम से है, जिससे अफगानिस्तान को भारत में केवल सीमित मात्रा में माल भेजने की इजाजत होती है, जबकि भारतीय माल को इस जमीनी मार्ग से सामान भेजने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं दी जाती है.
एयर कार्गो सेवा का उद्देश्य अफगानिस्तान को भारतीय बाजार में एक वैकल्पिक व्यापार लिंक देना है और भारतीय माल को युद्ध से तबाह हुए इस देश में पहुंचाना है. अफगानिस्तान के फल, मेवों और कालीन की भारत में काफी मांग है और माल ढुलाई गलियारे से इनके आयात को बढ़ावा मिलेगा. गोपाल बागले ने कहा कि अगले कुछ दिनों में भारत से पहली उड़ान किसी नागरिक विमान की उड़ान की तरह पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होते हुए अफगानिस्तान जाएगी. उन्होंने कहा कि यह माल ढुलाई सेवा मासिक या पाक्षिक उड़ान होगी.
उन्होंने कहा कि इस सेवा के तहत भारतीय उत्पादों को अफगानिस्तान पहुंचाया जाएगा और वहां के उत्पादों को भारत लाया जाएगा. यह पूछे जाने पर कि माल की माल ढुलाई व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य होगी, बागले ने कहा कि अफगानिस्तान की एरियाना एयरलाइंस द्वारा चलाई जाने वाली पहली उड़ान इस विचार की व्यवहार्यता का निर्धारण करेगी. उन्होंने कहा, 'यह एक वाणिज्यिक उद्यम है जो दोनों सरकारों द्वारा बहुत दृढ़ता से और बहुत उद्देश्यपूर्वक समर्थित है.' बागले ने कहा कि ये उड़ान पाकिस्तानी एयरस्पेस का उपयोग करेगी क्योंकि यह एक नागरिक कार्गो विमान है और मानक ऑपरेटिंग प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चारों तरफ से विदेशी जमीन से घिरे (लैंडलॉक) अफगानिस्तान के बीच माल ढुलाई की कठिनाइयों को दूर करने के लिए 'समर्पित माल ढुलाई गलियारा' बनाने का निर्णय पिछले साल दिसंबर में अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के भारत दौरे के दौरान लिया गया था. दोनों देशों के बीच सड़क संपर्क पाकिस्तान के माध्यम से है, जिससे अफगानिस्तान को भारत में केवल सीमित मात्रा में माल भेजने की इजाजत होती है, जबकि भारतीय माल को इस जमीनी मार्ग से सामान भेजने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं दी जाती है.
एयर कार्गो सेवा का उद्देश्य अफगानिस्तान को भारतीय बाजार में एक वैकल्पिक व्यापार लिंक देना है और भारतीय माल को युद्ध से तबाह हुए इस देश में पहुंचाना है. अफगानिस्तान के फल, मेवों और कालीन की भारत में काफी मांग है और माल ढुलाई गलियारे से इनके आयात को बढ़ावा मिलेगा. गोपाल बागले ने कहा कि अगले कुछ दिनों में भारत से पहली उड़ान किसी नागरिक विमान की उड़ान की तरह पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होते हुए अफगानिस्तान जाएगी. उन्होंने कहा कि यह माल ढुलाई सेवा मासिक या पाक्षिक उड़ान होगी.
उन्होंने कहा कि इस सेवा के तहत भारतीय उत्पादों को अफगानिस्तान पहुंचाया जाएगा और वहां के उत्पादों को भारत लाया जाएगा. यह पूछे जाने पर कि माल की माल ढुलाई व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य होगी, बागले ने कहा कि अफगानिस्तान की एरियाना एयरलाइंस द्वारा चलाई जाने वाली पहली उड़ान इस विचार की व्यवहार्यता का निर्धारण करेगी. उन्होंने कहा, 'यह एक वाणिज्यिक उद्यम है जो दोनों सरकारों द्वारा बहुत दृढ़ता से और बहुत उद्देश्यपूर्वक समर्थित है.' बागले ने कहा कि ये उड़ान पाकिस्तानी एयरस्पेस का उपयोग करेगी क्योंकि यह एक नागरिक कार्गो विमान है और मानक ऑपरेटिंग प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा.
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