यूरोपीय संघ के सांसदों के कश्मीर का दौरा करने पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. औवेसी ने कहा कि ये कौन लोग हैं? इन्हें क्यों बुलाया गया है? मुसलमानों से नफरत करने वाले और हिटलर को चाहने वालों को बुलाया गया है. औवेसी ने कहा, 'ये कौन लोग हैं? इन्हें क्यों दिखाना है? यह आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं है. जब आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं है तो क्यों बुलाया गया? जो मुसलमान और इस्लाम से नफरत करते हैं और हिटलर को चाहने वाले हैं, उन्हें बुलाया गया है. इनमें से कई सांसद हैं, जो हिटलर को चाहते हैं, फासीवादी हैं. आप उनको बुला रहे हैं, उन्हें दिखा रहे हैं. उनको अपना दोस्त समझ रहे हैं. आप दुनिया को क्या बता रहे हैं? आप देश को क्या पैगाम दे रहे हैं? कश्मीरियों को क्या पैगाम दे रहे हैं? ये तो इनको फैसला करना है. इतनी बड़ी गलती. ये तो सरकार को जवाब देना है कि ये कौन लोग हैं. ये निजी दौरे पर आए हैं. किसी एनजीओ ने बुलाया है, ये एनजीओ कौनसा है?'
वहीं, कश्मीर दौरे पर गए यूरोपीय सांसदों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने दौरे को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब दिए. इन सांसदों ने कहा कि उनके इस दौरे को गलत नजरिए से देखा गया. वो तो यहां तथ्य जुटाने आए हैं. उन्होंने कहा कि हमें राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. इन सांसदों ने दक्षिणपंथी विचारधारा के होने के विपक्ष के हमलों पर कहा कि वो फासीवादी नहीं हैं. अगर फासीवादी होते तो जनता उन्हें नहीं चुनती. उन्होंने ये भी कहा कि आतंकवाद से किसी देश को तबाह नहीं होने दे सकते.
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इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में किस-किस मीडिया ग्रुप को बुलाया गया ये तो साफ़ नहीं है लेकिन स्थानीय अखबार और पत्रकारों को इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए नहीं बुलाया गया. न्यूज एजेंसी ANI से एक सांसद ने कहा कि अगर उन्हें यहां आने की इजाजत है तो विपक्षी सासंदों को भी मिलनी चाहिए.
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बता दें, सांसदों का समूह जब घाटी के दौरे पर था तो बंद के बीच घाटी और शहर के विभिन्न हिस्से में लोगों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं. जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम और पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने घाटी और जम्मू कश्मीर के अन्य हिस्से में हालात पर शिष्टमंडल को अवगत कराया. शिष्टमंडल ने एक पांच सितारा होटल में नवनिर्वाचित पंचायत सदस्यों और पार्षदों सहित आम लोगों से भी संवाद किया. शहर में सर्दी के बीच कुछ सांसदों ने डल झील में शिकारे का भी आनंद लिया. सांसदों ने सेंटूर होटल के पास नौका विहार किया. इसी होटल में पांच अगस्त के बाद से 30 नेताओं और कार्यकर्ताओं को रखा गया.
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फ्रांस से यूरोपीय संघ में सांसद वर्जिन जोरोन ने कहा, ‘यह अच्छा दौरा है और हम कश्मीर में स्थिति जानने के लिए आए हैं. यहां जमीनी हालात का अनुभव हुआ और हमें यहां स्थानीय लोगों से बात कर अच्छा लगा.'
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शीर्ष पुलिस एवं सिविल अधिकारियों ने यूरोपीय संघ (ईयू) के 23 सांसदों के एक शिष्टंडल को बताया कि लोग शांति के इच्छुक हैं लेकिन आतंकवादी गोलियां बरसाकर लगातार उन्हें डरा-धमका रहे हैं. विभिन्न यूरोपीय देशों के सांसदों से बातचीत के दौरान, डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति शांतिपूर्ण है और सुरक्षाबल कानून-व्यवस्था को प्रभावी तथा 'सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह कि मानवीय तरीके' से निपट रहे हैं. उन्होंने यूरोपीय संघ के सांसदों को बताया कि पिछले 84 दिन में एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है.
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