भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था सीवीसी ने स्वास्थ्य मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर कहा है कि हरियाणा कार्डर के आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को एम्स के सीवीओ पद से हटाए जाने पर वह अपना पक्ष बताए।
सीवीसी ने स्वास्थ्य मंत्रालय को चिट्ठी 22 अक्टूबर को लिखी। इस चिट्ठी की एक कॉपी एनडीटीवी इंडिया के पास है। एनडीटीवी इंडिया ने सबसे पहले यह खबर दिखाई थी कि एम्स के सीवीओ चतुर्वेदी को हटाने के लिए किस तरह बीजेपी के बड़े नेता जेपी नड्डा लगातार चिट्ठियां लिखते रहे हैं। अपने दो साल के कार्यकाल में चतुर्वेदी ने एम्स के भीतर भ्रष्टाचार के 150 से अधिक मामलों को उजागर किया, जिसमें करीब 80 मामलों में आरोपियों को सजा हो चुकी है।
संजीव चतुर्वेदी को केंद्र सरकार ने पिछले 14 अगस्त को देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स के सीवीओ पद से हटा दिया था। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि चतुर्वेदी का एम्स के सीवीओ पद पर रहना असंवैधानिक है। डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट कर यह भी कहा था कि सीवीसी ने दो बार चतुर्वेदी का नाम खारिज किया, लेकिन अब खुद सीवीसी ने इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय से अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है।
गौरतलब है कि सीवीओ पद से हटाए जाने के बाद संजीव चतुर्वेदी ने सीवीसी के सामने अपना पक्ष रखा था। चतुर्वेदी ने सीवीसी को बताया कि बीजेपी नेता जेपी नड्डा के राजनीतिक दबाव के चलते उन्हें सीवीओ के पद से हटाया गया है। अपनी दलील में चतुर्वेदी ने सीवीसी के सामने जेपी नड्डा की ओर से स्वास्थ्य मंत्री को लिखी चिट्ठियां दिखाईं। इन चिट्ठियों में नड्डा ने न केवल चतुर्वेदी को एम्स सीवीओ पद से हटाने की मांग की थी, बल्कि नए सीवीओ का नाम भी सुझाया था।
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