प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित एक संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में मंच साझा किया। इस दौरान मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार पटेल को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए था।
इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने होते तो वह देश का भाग्य बदल सकते थे।
सरदार पटेल को समर्पित एक संग्रहालय के उद्घाटन के मौके पर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी ने कहा, "मुझे लगता है कि सरदार पटेल को देश का प्रथम प्रधानमंत्री बनना चाहिए था। हमें इस बात का गिला-शिकवा बना रहेगा।"
मोदी ने कहा, "यदि सरदार पटेल देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनते तो देश की तस्वीर और तकदीर दोनों पूरी तरह भिन्न होती।" उन्होंने कहा कि पटेल द्रष्टा थे। 1919 में गुजरात के पार्षद के तौर पर उन्होंने महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक पारित करवाया था।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी सरदार पटेल के कांग्रेस के साथ जुड़ाव और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों से प्रेम को याद किया।
मोदी के भाषण के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के आकार को निर्धारित करने में सरदार पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह ऐसी पार्टी से जुड़े हैं जिससे सरदार पटेल भी जुड़े थे।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरदार पटेल धर्मनिरपेक्ष थे और कांग्रेस की मजबूती के लिए हमेशा काम करते रहे।दो दिन बाद, 31 अक्टूबर को मोदी सरदार सरोवर बांध के नजदीक देश के पहले गृहमंत्री की विशाल प्रतिमा की आधारशिला रखेंगे।
संग्रहालय का निर्माण सरदार वल्लभ भाई पटेल मेमोरियल सोसायटी ने किया है। सोसायटी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री दिन्शा पटेल ने मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें समारोह में आमंत्रित किया था।
वहीं, सरदार पटेल की अंतिम यात्रा में नेहरू के शामिल न होने पर नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर दो दिन चले विवाद के बाद दिव्य भास्कर अखबार ने इसपर खेद जताते हुए कहा है कि मोदी का उनके यहां छपा इंटरव्यू आधिकारिक नहीं था। दिलचस्प बात यह है कि मोदी ने भी अखबार के खंडन के बाद इस विवाद पर मुंह खोला है। उन्होंने ट्वीट किया है, दिव्य भास्कर ने मेरे नाम से सरदार पटेल की शवयात्रा के बारे में जारी गलत बयान पर स्पष्टीकरण दे दिया है। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं।
दरअसल, इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी के हवाले से यह दावा किया गया था कि कांग्रेस और नेहरू ने पटेल की बहुत अनदेखी की, यहां तक कि कहा कि सरदार पटेल की अंतिम यात्रा में जवाहर लाल नेहरू नहीं गए थे।
कांग्रेस ने तुरंत एक वीडियो जारी कर मोदी के दावे को झूठा करार दिया। इसके बाद बीजेपी नेता इस मुद्दे पर किसी सवाल का जवाब देने को भी तैयार नहीं दिखे।
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