नई दिल्ली:
अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) अग्नि-5 के सफल परीक्षण पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह रक्षा तैयारियों के लिए भारत के अनुसंधान में एक और मील का पत्थर है।
उधर, रक्षामंत्री एके एंटनी ने भी अग्नि-5 के पहले परीक्षण प्रक्षेपण को बड़ी सफलता करार दिया। मिसाइल की परीक्षण उड़ान को सफल घोषित किए जाने के बाद एंटनी ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख डॉ वीके सारस्वत को फोन करके बधाई दी और कहा, ‘‘आज राष्ट्र का गौरव और बढ़ गया है। हम उन संभ्रांत देशों के क्लब में शामिल हो गए हैं, जिनके पास आईसीबीएम क्षमता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अग्नि-5 की सटीक सफलता देश के मिसाइल शोध और विकास कार्यक्रम में मील का पत्थर है।’’ पांच हजार किलोमीटर तक मार करने और परमाणु शक्तिसंपन्न अग्नि-5 का प्रक्षेपण सुबह आठ बजकर सात मिनट पर ओडिशा के व्हीलर आइलैंड से एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया और इसे दक्षिणी हिन्द महासागर में अपने लक्ष्य तक पहुंचने में 15 मिनट का समय लगा। मिसाइल मिशन के सभी मापदंडों पर खरी उतरी और बड़ी सफलता साबित हुई। खराब मौसम के कारण बुधवार रात इसके प्रक्षेपण को स्थगित कर दिया गया था।
उधर, रक्षामंत्री एके एंटनी ने भी अग्नि-5 के पहले परीक्षण प्रक्षेपण को बड़ी सफलता करार दिया। मिसाइल की परीक्षण उड़ान को सफल घोषित किए जाने के बाद एंटनी ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख डॉ वीके सारस्वत को फोन करके बधाई दी और कहा, ‘‘आज राष्ट्र का गौरव और बढ़ गया है। हम उन संभ्रांत देशों के क्लब में शामिल हो गए हैं, जिनके पास आईसीबीएम क्षमता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अग्नि-5 की सटीक सफलता देश के मिसाइल शोध और विकास कार्यक्रम में मील का पत्थर है।’’ पांच हजार किलोमीटर तक मार करने और परमाणु शक्तिसंपन्न अग्नि-5 का प्रक्षेपण सुबह आठ बजकर सात मिनट पर ओडिशा के व्हीलर आइलैंड से एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया और इसे दक्षिणी हिन्द महासागर में अपने लक्ष्य तक पहुंचने में 15 मिनट का समय लगा। मिसाइल मिशन के सभी मापदंडों पर खरी उतरी और बड़ी सफलता साबित हुई। खराब मौसम के कारण बुधवार रात इसके प्रक्षेपण को स्थगित कर दिया गया था।
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