रूस और यूक्रेन की जंग 1000वें दिन के बाद से और भी खतरनाक होती जा रही है. रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर ही अपनी नई मिसाइल दागकर उसकी टेस्टिंग की है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद इसकी जानकारी दी है. पुतिन ने कहा कि यूक्रेन पर एयर स्ट्राइक करते हुए मध्यम दूरी की नई मिसाइल की टेस्टिंग की गई है. पुतिन ने इसके साथ ही यूक्रेन के मददगारों को धमकाया भी है. पुतिन ने कहा कि जंग में यूक्रेन की मदद करने वालों पर भी रूस हमला करने से हिचकेगा नहीं. न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' की जानकारी के मुताबिक, रूस ने ये मिसाइल अस्त्रखान क्षेत्र से यूक्रेन की तरफ दागी है. जहां मिसाइल गिरी; वह जगह अस्त्रखान क्षेत्र से 1000 किलोमीटर दूर है.
व्लादिमीर पुतिन ने एक देश के नाम एक टीवी संबोधन में कहा, "गुरुवार को यूक्रेन पर रूस ने मिसाइल टेस्टिंग की. ऐसा इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी और ब्रिटिश मिसाइलों के साथ रूसी क्षेत्र पर यूक्रेनी हमले के जवाब में किया गया है." बता दें रूस और यूक्रेन 24 फरवरी 2022 से जंग लड़ रहे हैं.
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अमेरिका को दी चेतावनी
पुतिन ने ऐलान किया कि रूस अन्य देशों पर हमले से पहले शुरुआती चेतावनी जारी करेगा, ताकि वहां के नागरिकों को सुरक्षित जगह पर जाने का वक्त मिल सके. उन्होंने ये भी कहा कि यूएस का एयर डिफेंस सिस्टम रूस की मिसाइलों को रोकने में कामयाब नहीं हो पाएगा.
यूक्रेन का दावा- रूस ने दागीं इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल
इसके पहले यूक्रेन की तरफ से दावा किया है कि रूस ने उसके निप्रो शहर पर गुरुवार सुबह इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल (ICBM) से हमला किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हमले भी अस्त्राखान इलाके से किए गए. हालांकि, रूस ने ICBM मिसाइल से हमले की पुष्टि नहीं की है. इसके बाद भारतीय समयानुसार देर रात रूस की तरफ से यूक्रेन में दागकर अपनी नई मिसाइल के टेस्टिंग की खबर आई.
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, रूस के बैलिस्टिक मिसाइल हमले में 2 लोग घायल हो गए. इस हमले में इंडस्ट्रियल फेसिलिटी और रिहैब सेंटर तबाह हो गया. यूक्रेन की वायु सेना के बयान में कहा गया है कि रूस ने इस मिसाइल को कैस्पियन सागर पर अस्त्रखान क्षेत्र से लॉन्च किया था.
मिसाइल हमलों के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडोमिर ज़ेलेंस्की ने कहा, "आज, हमारे पागल पड़ोसी ने एक बार फिर दिखाया कि वह वास्तव में क्या है? और कितना डरा हुआ है?"
बता दें कि रूस ने पिछले महीने कहा था कि अगर NATO देशों के हथियारों का इस्तेमाल उसकी जमीन पर होता है, तो इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत समझा जाएगा.
19 नवंबर को यूक्रेन ने अमेरिका से मिली मिलाइलों का किया इस्तेमाल
इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने दावा किया था कि यूक्रेन ने 19 नवंबर को पहली बार अमेरिका से मिली लंबी दूरी की मिसाइलें उसके इलाके में दागीं. रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने मंगलवार सुबह ब्रियांस्क इलाके में लंबी दूरी वाली 6 आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) मिसाइलें दागीं. रूस ने कहा कि उन्होंने 5 मिसाइलों को मार गिराया.
अमेरिका ने कंफर्म की ATACMS के इस्तेमाल की बात.
इसके बाद अमेरिका ने भी रूस के इलाके में ATACMS के इस्तेमाल की बात कंफर्म की. फिर कुछ देर में अमेरिका से खबर आई कि उसने यूक्रेन की राजधानी कीव में अपनी एंबेसी बंद कर दी है. हालांकि, गुरुवार को ही इसे दोबारा खोलने की बात भी कही गई.
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यूक्रेन को खतरनाक लैंड माइन्स देगा अमेरिका
इस बीच BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका जल्द यूक्रेन को एंटी पर्सनल लैंड माइन्स देगा. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने यूक्रेन को इन माइन्स का इस्तेमाल यूक्रेन की सीमा में ही करने को कहा है.
पुतिन ने सोमवार को ही न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन के नियम
सोमवार को ही राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल और न्यूक्लियर वॉर के नियम बदले थे. नए नियम के मुताबिक, अगर कोई देश जिसके पास न्यूक्लियर हथियार नहीं हैं, वो किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से रूस पर हमला करता है, तो इसे रूस के खिलाफ जंग का ऐलान समझा जाएगा. इस स्थिति में रूस नॉन न्यूक्लियर हथियार वाले देशों के खिलाफ भी न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.
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