योजना आयोग को खत्म करने की दिशा में और एक कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इस योजना इकाई की जगह एक नया संस्थान बनाने के संबंध में लोगों से विचार मांगे।
सरकार ने नए संस्थान के लिए सुझाव देने के संबंध में ‘माईगवडॉटनिकडाटइन’ वेबसाईट पर विशेष खुला मंच बनाने की भी घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा 'हमारी कल्पना है कि प्रस्तावित संस्थान ऐसा बने जो 21वीं सदी के भारत की उम्मीदें पूरी करे और राज्यों की भागीदारी मजबूत करे.. अपनी राय भेजें।'
बयान में कहा गया 'प्रधानमंत्री ने लोगों से इस संबंध में राय भेजने के लिए कहा है कि योजना आयोग की जगह नया संस्थान कैसा हो।'
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि समाजवादी दौर के अवशेष 64 वर्षीय योजना आयोग की जगह जल्दी ही एक नया संस्थान बनेगा ताकि मौजूदा आर्थिक चुनौतियों का समाधान हो सके और संघीय ढांचा और मजबूत हो।
मोदी ने कहा था 'हमें नई सोच वाले नए संस्थान की जरूरत है.. हमें योजना आयोग को नया रंगरूप देने के बारे में सोचना होगा, बहुत जल्द यह नया संस्थान योजना आयेाग की जगह पर काम करना शुरू करेगा।'
उन्होंने कहा था कि इसकी स्थापना पहले की जरूरत पूरी करने के लिए की गई थी और इसने अपने तरीके से देश के विकास में भागीदारी की है। मोदी ने कहा था 'देश के आंतरिक हालात बदल गए हैं, वैश्विक हालात बदल गए हैं। सरकार अब आर्थिक विकास की केंद्र नहीं है। अर्थव्यवस्था अब बहुत व्यापक हो गई है।'
प्रधनमंत्री ने कहा था 'राज्य सरकार भी विकास की केंद्र है। मुझे लगता है कि यह अच्छा संकेत है। यदि हमें भारत को आगे ले जाना है तो राज्यों को आगे ले जाना होगा।'
आयेाग की जगह नया संस्थान बनाने की जरूरत को उचित ठहराते हुए उन्होंने कहा था 'कभी-कभी घर की मरम्मत जरूरी होती है। इसमें बहुत धन लगता है। लेकिन इससे संतोष नहीं होता। फिर हमें लगता है कि नया घर बनाना ही बेहतर है।'
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