नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बसपा प्रमुख मायावती सहित सभी दलों के नेताओं ने आज राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी और आसन के प्रति पूर्ण सम्मान और आस्था प्रकट की तथा सदन चलाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया।
मायावती ने उम्मीद जताई कि आसन अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण के प्रावधान वाले विधेयक को पारित करवाने के लिए रास्ता निकालेगा।
बसपा प्रमुख ने सदन के बार-बार बाधित होने के लिए मंगलवार को अंसारी की कड़ी आलोचना की थी।
मायावती ने आज प्रश्नकाल खत्म होने के बाद कहा, मैं आपका पूरा सम्मान करती हूं। मैं आसन का भी सम्मान करती हूं ... मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि आसन जरूर ऐसा कोई रास्ता निकालेगा जिससे लोगों की आवाज सुनी जा सके। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री और सरकार सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति-जनजातिकर्मियों को पदोन्नति में आरक्षण संबंधी विधेयक को पारित करने में आ रही अड़चनों को दूर करने का रास्ता निकालेंगे और उन लोगों से बात करेंगे जो इसके लिए अड़चनें खड़ी कर रहे हैं।
बसपा नेता ने कहा कि ऐसे रास्ते निकाले जाने चाहिए, जिससे कि सदन सुचारू रूप से चल सके और कार्यवाही को चलाने में आसन को दिक्कत नहीं हो। उन्होंने विपक्ष के नेता अरुण जेटली तथा अन्य दलों के नेताओं से अनुरोध किया कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर विधेयक को पारित करवाने में सहयोग दें।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि हम अंसारी का पूरा सम्मान और उन पर पूरा भरोसा करते हैं। मनमोहन ने कहा, सदन के सभापति के प्रति सम्मान सदन की गरिमा को बरकरार रखने के प्रति व्यक्त किया गया सम्मान है। हम सदन के सभी वर्गों के साथ मिलकर इस बात को सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि आसन को पूरा सम्मान और सहयोग मिल सके, जिसके आप और यह सम्मानित आसन हकदार हैं। उन्होंने कहा, हमें वे तरीके और रास्ते निकालने होंगे जिससे सदन का काम बाधाओं के बिना सुचारू रूप से चलाया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह सरकार की ओर से पूर्ण आश्वासन देते हैं।
विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने भी अंसारी और आसन के प्रति पूर्ण सम्मान और आस्था जताते हुए कहा, हमने आज भारत के संसदीय लोकतंत्र की मजबूती को देखा। हम सभी मानते हैं कि आसन की गरिमा और विश्वसनीयता सदन की गरिमा के समान है और इससे पता चलता है कि भारत के लोकतंत्र में जन आस्था है। उन्होंने अंसारी को आश्वासन दिया कि यह सदन व्यक्ति के रूप में और जिस पद पर आप बैठे हैं उस आसन की गरिमा के रूप में आपके सम्मान को बरकरार रखने के लिए एक स्वर में बोलेगा।
जेटली ने कहा कि विरोधाभासों को हल करना ही भारतीय संसदीय लोकतंत्र की मजबूती है। उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर निश्चिंत हैं कि हम इन विरोधाभासों को साध लेंगे। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी विपक्ष के नेता की बात से सहमति जताई।
इसके बाद अंसारी ने प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता, बसपा प्रमुख मायावती और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं तथा सदस्यों का उनकी और आसन के प्रति व्यक्त की गई भावनाओं को लेकर आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि मायावती ने मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान ही सदन की कार्यवाही बाधित होने के लिए आसन को जिम्मदार ठहराते हुए अंसारी के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी।
मायावती ने उम्मीद जताई कि आसन अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण के प्रावधान वाले विधेयक को पारित करवाने के लिए रास्ता निकालेगा।
बसपा प्रमुख ने सदन के बार-बार बाधित होने के लिए मंगलवार को अंसारी की कड़ी आलोचना की थी।
मायावती ने आज प्रश्नकाल खत्म होने के बाद कहा, मैं आपका पूरा सम्मान करती हूं। मैं आसन का भी सम्मान करती हूं ... मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि आसन जरूर ऐसा कोई रास्ता निकालेगा जिससे लोगों की आवाज सुनी जा सके। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री और सरकार सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति-जनजातिकर्मियों को पदोन्नति में आरक्षण संबंधी विधेयक को पारित करने में आ रही अड़चनों को दूर करने का रास्ता निकालेंगे और उन लोगों से बात करेंगे जो इसके लिए अड़चनें खड़ी कर रहे हैं।
बसपा नेता ने कहा कि ऐसे रास्ते निकाले जाने चाहिए, जिससे कि सदन सुचारू रूप से चल सके और कार्यवाही को चलाने में आसन को दिक्कत नहीं हो। उन्होंने विपक्ष के नेता अरुण जेटली तथा अन्य दलों के नेताओं से अनुरोध किया कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर विधेयक को पारित करवाने में सहयोग दें।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि हम अंसारी का पूरा सम्मान और उन पर पूरा भरोसा करते हैं। मनमोहन ने कहा, सदन के सभापति के प्रति सम्मान सदन की गरिमा को बरकरार रखने के प्रति व्यक्त किया गया सम्मान है। हम सदन के सभी वर्गों के साथ मिलकर इस बात को सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि आसन को पूरा सम्मान और सहयोग मिल सके, जिसके आप और यह सम्मानित आसन हकदार हैं। उन्होंने कहा, हमें वे तरीके और रास्ते निकालने होंगे जिससे सदन का काम बाधाओं के बिना सुचारू रूप से चलाया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह सरकार की ओर से पूर्ण आश्वासन देते हैं।
विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने भी अंसारी और आसन के प्रति पूर्ण सम्मान और आस्था जताते हुए कहा, हमने आज भारत के संसदीय लोकतंत्र की मजबूती को देखा। हम सभी मानते हैं कि आसन की गरिमा और विश्वसनीयता सदन की गरिमा के समान है और इससे पता चलता है कि भारत के लोकतंत्र में जन आस्था है। उन्होंने अंसारी को आश्वासन दिया कि यह सदन व्यक्ति के रूप में और जिस पद पर आप बैठे हैं उस आसन की गरिमा के रूप में आपके सम्मान को बरकरार रखने के लिए एक स्वर में बोलेगा।
जेटली ने कहा कि विरोधाभासों को हल करना ही भारतीय संसदीय लोकतंत्र की मजबूती है। उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर निश्चिंत हैं कि हम इन विरोधाभासों को साध लेंगे। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी विपक्ष के नेता की बात से सहमति जताई।
इसके बाद अंसारी ने प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता, बसपा प्रमुख मायावती और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं तथा सदस्यों का उनकी और आसन के प्रति व्यक्त की गई भावनाओं को लेकर आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि मायावती ने मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान ही सदन की कार्यवाही बाधित होने के लिए आसन को जिम्मदार ठहराते हुए अंसारी के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी।
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