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This Article is From Jan 04, 2013

महिलाओं को 'लक्ष्मण रेखा' में रहने की नसीहत से पलटे विजयवर्गीय

महिलाओं को 'लक्ष्मण रेखा' में रहने की नसीहत से पलटे विजयवर्गीय
इंदौर: महिलाओं को मर्यादित पहनावे के साथ लक्ष्मण रेखा में रहने की नसीहत से उपजे विवाद के बाद मध्य प्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने बयान से पलट गए हैं। बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किए जाने का आरोप लगाते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि उनका बयान केवल महिलाओं नहीं, पूरे समाज को लेकर था।

इंदौर में गुरुवार की रात आयोजित एक कार्यक्रम में विजयवर्गीय ने महिलाओं के पहनावे पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि महिलाओं को मर्यादा में रहना चाहिए और यदि वे मर्यादा में रहती हैं तो समाज में विकृति नहीं आ सकती। महिलाओं को मर्यादा का पालन करना चाहिए, मर्यादा का उल्लंघन होने पर 'सीताहरण' होगा और 'लक्ष्मण रेखा' पार करने पर सामने खड़ा 'रावण' हरण कर उन्हें ले जाएगा।  

विजयवर्गीय का मानना है कि समाज में विकृति को रोकने के लिए समाज में समग्र चिंतन व विचार की जरूरत है। उन्होंने महिलाओं द्वारा दुपट्टों का इस्तेमाल न किए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनका एक मित्र दुपट्टों का कारोबार करता है, उसने उन्हें बताया है कि अब दुपट्टे कम बिकते हैं क्योंकि लड़कियों ने दुपट्टा ओढ़ना बंद कर दिया है।

विजयवर्गीय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का जिक्र करते हुए कहा कि यह ऐसा संगठन है जो समाज में संस्कृति व संस्कार को बढ़ा रहा है। यह संगठन न होता तो दुष्कर्म की घटनाएं 20-25 वर्ष पहले ही होने लगतीं।

मंत्री के बयान की चौतरफा आलोचना और पार्टी हाईकमान के निर्देश पर विजयवर्गीय ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने समाज में मर्यादा की बात की थी, न कि महिलाओं को लेकर। उन्होंने कहा कि उनके जिस बयान को महिलाओं से जोड़कर दिखाया जा रहा है, उसे वह वापस लेते हैं।

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