यूपी की सीमा पर देर रात में किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दी गई.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने किसानों को बुधवार को तड़के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दे दी. इससे पुलिस कर्मियों और किसानों के बीच चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया. आंदोलनकारियों के दिल्ली के किसान घाट पहुंचने के साथ ही किसानों का आंदोलन खत्म हो गया.
दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिलने के बाद भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के प्रमुख नरेश टिकैत की अगुआई में हजारों किसान 200 से अधिक ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान घाट पहुंचे. टिकैत ने इसे किसानों की जीत बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अपने उद्देश्यों में विफल रही है.
टिकैत ने कहा कि "सभी कठिनाइयों के बावजूद किसान जुटे रहे. हम अब 12 दिनों से मार्च कर रहे हैं. किसान थके हुए हैं. हम सरकार से अधिकारों की मांग जारी रखेंगे, लेकिन अब हम पदयात्रा खत्म कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि किसान बुधवार को सुबह जल्दी लौट जाएंगे.
यह भी पढ़ें : आखिर क्या हैं किसानों की मांगें और क्या कहा सरकार ने? जानिए...
उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बीच किसानों को प्रशासन ने दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दे दी. इससे वे राष्ट्रीय राजधानी तक की अपनी तय यात्रा पूरी कर सके. भाजपा के विरोध में नारेबाजी करते हुए किसान बुधवार को रात में लगभग दो बजे किसान घाट पहुंचे.
इससे पहले मंगलवार को हजारों किसानों की पदयात्रा को पुलिस ने दिल्ली-यूपी की सीमा पर रोक दिया था. इस दौरान पुलिस के बल प्रयोग से कुछ किसान घायल भी हो गए.
यह भी पढ़ें : किसान आंदोलन के चलते बुधवार को गाजियाबाद के सभी स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे
किसानों ने अपनी 15 मांगें सरकार के सामने रखीं जिनमें कर्ज माफी और फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांगें भी शामिल हैं. इन मांगों को अविलंब पूरा किए जाने का आश्वासन सरकार की ओर से दिया गया.
आंदोलनकारी किसानों ने 10 दिन पहले हरिद्वार से पदयात्रा शुरू की थी. भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में निकली यह पदयात्रा मंगलवार को दिल्ली-यूपी की सीमा पर पहुंची. इस दौरान सीमा पर बड़ी तादाद में सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी.
VIDEO : दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे रहे किसान
(इनपुट आईएएनएस से)
दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिलने के बाद भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के प्रमुख नरेश टिकैत की अगुआई में हजारों किसान 200 से अधिक ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान घाट पहुंचे. टिकैत ने इसे किसानों की जीत बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अपने उद्देश्यों में विफल रही है.
टिकैत ने कहा कि "सभी कठिनाइयों के बावजूद किसान जुटे रहे. हम अब 12 दिनों से मार्च कर रहे हैं. किसान थके हुए हैं. हम सरकार से अधिकारों की मांग जारी रखेंगे, लेकिन अब हम पदयात्रा खत्म कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि किसान बुधवार को सुबह जल्दी लौट जाएंगे.
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उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बीच किसानों को प्रशासन ने दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दे दी. इससे वे राष्ट्रीय राजधानी तक की अपनी तय यात्रा पूरी कर सके. भाजपा के विरोध में नारेबाजी करते हुए किसान बुधवार को रात में लगभग दो बजे किसान घाट पहुंचे.
इससे पहले मंगलवार को हजारों किसानों की पदयात्रा को पुलिस ने दिल्ली-यूपी की सीमा पर रोक दिया था. इस दौरान पुलिस के बल प्रयोग से कुछ किसान घायल भी हो गए.
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किसानों ने अपनी 15 मांगें सरकार के सामने रखीं जिनमें कर्ज माफी और फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांगें भी शामिल हैं. इन मांगों को अविलंब पूरा किए जाने का आश्वासन सरकार की ओर से दिया गया.
आंदोलनकारी किसानों ने 10 दिन पहले हरिद्वार से पदयात्रा शुरू की थी. भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में निकली यह पदयात्रा मंगलवार को दिल्ली-यूपी की सीमा पर पहुंची. इस दौरान सीमा पर बड़ी तादाद में सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी.
VIDEO : दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे रहे किसान
(इनपुट आईएएनएस से)
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