नागपुर:
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि कैश फॉर वोट कांड देश का सबसे बड़ा घोटाला है। आडवाणी ने कहा कि उनके जीवन का उद्येश्य साफ-सुथरी राजनीति करना रहा है। उन्होंने कहा कि रथयात्रा की तैयारी पूरी हो चुकी है और संसद के अगले सत्र से पहले यात्रा पूरी हो जाएगी। संघ से अपने करीबी रिश्ते के बारे में आडवाणी ने कहा कि मैं राजनीति में बाद में आया, पहले संघ से जुड़ा था। उन्होंने कहा कि मेरे साथ संघ का आशीर्वाद बना हुआ है।पीएम पद की दावेदारी को लेकर आडवाणी ने कहा कि उन्हें संघ और दूसरे संगठनों से जो मिला है, वो पीएम पद से कहीं ज्यादा है।आडवाणी ने कहा कि 'कैश फॉर वोट' मामले में हुई गिरफ्तारियों के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी यात्रा करने का निर्णय लिया है और इसी सिलसिले में संघ प्रमुख और पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी से मुलाकात करने वह यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के लिए उन्हें संघ का पूरा समर्थन और आशीर्वाद प्राप्त है। यात्रा को सफल बनाने के लिए संघ ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश भी दिए हैं। जब उनसे पूछा गया कि इससे पहले आपने कई यात्राएं की हैं तो क्या उस समय भी आपने संघ से आशीर्वाद लिया था, तो उन्होंने कहा, यात्रा को सफल बनाने के लिए जिन लोगों से समर्थन की जरूरत पड़ी, उनसे सहयोग लिया गया। संघ से अक्सर औपचारिक व अनौपचारिक तौर पर बातचीत होती रहती है। कैश फॉर वोट मामले को स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए आडवाणी ने कहा कि संसद में 'वोट के लिए नोट' मामले के उजागर होने के समय मैँ लोकसभा में विपक्ष का नेता था और इस मामले को उजागर करने के लिए मैंने ही अपने सांसदों को अनुमति दी थी, ऐसे में यदि ये पूर्व सांसद दोषी हैं तो उनसे बड़ा मैं दोषी हूं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले को उजागर करने का यह तरीका उचित लगा था, तभी उन्होंने अपने साथियों को इसकी अनुमति दी थी। वर्ष 2008 में विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान भाजपा के कुछ सांसदों में लोकसभा में नोटों की गड्डियां लहराते हुए सरकार के पक्ष में वोट देने के लिए रिश्वत दिए जाने का आरोप लगाया था।पूर्व उप प्रधानमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से भी मुलाकात की और उनकी सेहत की जानकारी ली। गडकरी का 12 सितंबर को ऑपरेशन हुआ है और वह स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। आडवाणी ने कहा, भाजपा अध्यक्ष 24 सितंबर को दिल्ली आएंगे। मैंने उनसे यात्रा की घोषणा करने का आग्रह किया है। तब तक यात्रा की योजना पूरी हो जाएगी। जब उनसे यात्रा के ब्योरे के बारे में पूछा गया तो आडवाणी ने कहा कि 11 अक्टूबर को दिग्गज समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण का जन्मदिन है और यह यात्रा शुरू करने की अस्थायी तिथि थी। सूत्रों का कहना है कि यात्रा संभवत: बिहार के सारण जिले के सिताब दियारा से शुरू होगी। सिताब दियारा जेपी की जन्मस्थली है। आडवाणी ने यह कहते हुए भागवत से मुलाकात को सामान्य बताया कि वह उनसे अनौपचारिक रूप से मिलते रहते हैं। पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा, हम उन सभी से भेंट करते हैं, जो यात्रा में कोई बड़ा योगदान कर सकते हैं। आडवाणी ने कहा कि वह भाजपा-राजग शासित राज्यों में जाएंगे। उन्होंने इस पर जोर दिया कि कुछ कमियों के बावजूद ये राज्य अन्य के मुकाबले ज्यादा अच्छी तरह शासित हैं। पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा कि 2008 के नोट के बदले वोट कांड और 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की विपक्ष की मांग पर 2010 में संसद के शरदकालीन सत्र के नहीं चलने के चलते उन्होंने इस यात्रा के बारे में सोचा। आडवाणी ने कहा कि यात्रा के लिए उनकी योजना तब दृढ़ हुई जब व्हिसिलब्लोअर के रूप में काम करते हुए घोटाले का पर्दाफाश करने वाले हमारे दो सांसदों को जेल भेज दिया गया, जबकि उन्होंने एक अच्छा काम किया था और लोकतंत्र की महान सेवा की थी।(इनपुट एजेंसी से भी)
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