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This Article is From Jul 18, 2020

PM ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद को संबोधित करते हुए वैश्विक बहुपक्षीय संबधों को प्रभावी बनाने पर दिया जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ग्लोबल मल्टी-लैटरलिज़्म को और प्रभावी बनाने के लिए उसमे बड़े स्तर पर सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है. साथ ही, प्रधानमंत्री ने मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति में संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था में भी बदलाव की जरूरत का सवाल उठाया है.

PM ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद  को संबोधित करते हुए वैश्विक बहुपक्षीय संबधों को प्रभावी बनाने पर दिया जोर
प्रधाैनमंत्री ने UNESC को किया संबोधित
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ग्लोबल मल्टी-लैटरलिज़्म को और प्रभावी बनाने के लिए उसमे बड़े स्तर पर सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है. साथ ही, प्रधानमंत्री ने मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति में संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था में भी बदलाव की जरूरत का सवाल उठाया है. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के सत्र के इस साल के उच्च-स्तरीय खंड को आभासी रूप से संबोधित करते हुए ये बात कही.

अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा की कोविड-19 (Covid-19) संकट ने पूरी दुनिया की क्षमता को टेस्ट किया है. कोविड-19 के खिलाफ भारत की मुहीम का भी विस्तार से ज़िक्र करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत ने कोरोनावायरस के खिलाफ जंग को एक जन मुहीम बना दिया है. इसके असर से निपटने के लिए 300 अरब डॉलर का एक राहत पैकेज तैयार किया गया है.  प्रधानमंत्री ने कहा की जमीनी स्तर पर स्वस्थ्य व्यवस्था की वजह से भारत में कोविड-19  मामलों में रिकवरी रेट दुनिया में सबसे बेहतर में से एक है. भारत ने अब तक कोविड-19 के खिलाफ जंग में 150 देशों को दवाइयां और दूसरी मेडिकल सुविधाएं सप्लाई करने में मदद की है.

वार्षिक उच्च-स्तरीय खंड की इस साल की थीम है- ‘कोविड-19 के बाद बहुपक्षवाद: 75वीं वर्षगांठ पर हमें किस तरह के संयुक्त राष्ट्र की जरूरत है.'बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्‍य और कोविड-19 महामारी के मौजूदा संकट की वजह से यह सत्र बहुपक्षवाद की दिशा तय करने वाली महत्वपूर्ण ताकतों पर ज्यादा फोकस कर रहा है.

ये पहला अवसर है जब प्रधानमंत्री मोदी सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य (2021-22 के कार्यकाल के लिए) के रूप में भारत को निर्विरोध चुने जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र की व्यापक सदस्यता को संबोधित किया है. दरअसल भारत ने कोविड-19 के बाद से ही दुनिया में ‘पुनर्गठित बहुपक्षवाद' को बढ़ावा देने का आह्वान किया है.

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