अनुपम खेर ने कश्मीरी पंडितों के लिए केंद्र के समग्र टाउनशिप प्रस्ताव का किया समर्थन

अनुपम खेर की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

कश्मीरी पंडितों के लिए समग्र टाउनशिप के केंद्र के प्रस्ताव के समर्थन में आगे आते हुए मशहूर अभिनेता अनुपम खेर ने रविवार को सरकार से इस विस्थापित समुदाय को बसाने के लिए कश्मीर घाटी में पहली स्मार्ट सिटी बनाने की अपील की।
 
उन्होंने कहा कि ‘होमलैंड’ अपने आप में इस प्रवासी समुदाय का हक है जो देश में अल्पसंख्यक बनकर रह गया है। उन्होंने इस योजना का विरोध करने पर अलगाववादियों की आलोचना की।
 
खेर ने कहा कि इस परियोजना को 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में और चयनित क्षेत्र में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ शुरू किया जा सकता है जो देश के लिए आदर्श हो सकता है।
 
उन्होंने कहा, ‘पहली स्मार्ट सिटी कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के लिए हो। चूंकि जो लोग वहां बसेंगे, शुरू के चरण में कश्मीरी हिंदू हो सकते हैं लेकिन किसी को भी वहां ठहरने की इजाजत होगी।’ उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर पंडित शिक्षित पेशेवर हैं जो वहां बसेंगें। मैं नहीं जानता कि पृथक बस्ती शब्द किसने गढ़ा लेकिन अवश्य ही रूग्न मानसिकता वाले ने गढ़ा होगा। पृथक बस्ती और उसी स्थान पर आने और बसने के लिए कहे जाने के बीच अंतर है।’ जब खेर से पूछा गया कि क्या वह स्मार्ट सिटी केवल पंडितों के लिए चिह्नित हो, उन्होंने कहा, ‘शुरू में कश्मीरी पंडितों को वहां बसना चाहिए। बाद में अन्य लोग भी आ सकते हैं। हम घाटी में मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं।’
 
खुद कश्मीरी पंडित खेर ने कहा कि पंडित अपने मूल स्थानों पर नहीं लौट सके क्योंकि वे वहां सुरक्षित महसूस नहीं करते थे और उनकी ज्यादातर संपत्तियों पर कब्जा कर लिया गया है, हड़प ली गई या लोगों को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘तीन फीसदी के लिए उन 97 फीसदी के साथ घुल-मिल जाना संभव नहीं होगा जिन्होंने हमें खदेड़ दिया और आप उस इलाके में नहीं जा सकते जहां आपके पुराने जख्म हैं। यह हिंदु-मुस्लिम मुद्दा नहीं है।’
 
उन्होंने कहा, ‘यह महज मांग नहीं है। यह हमारा अधिकार है और यह बिल्कुल उचित वक्त है कि प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री एक प्रस्ताव लेकर सामने आए हैं। उन्हें इस योजना पर आगे बढ़ना चाहिए। पांच छह लोग उसे बंधक नहीं बना सकते।’ इस कार्यक्रम का आयोजन प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए काम करने वाले ‘रूट्स इन कश्मीर’ नामक संगठन ने किया।
 
कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए गंभीर प्रयास करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं महसूस करता हूं कि प्रधानमंत्री का इरादा सही है। लेकिन उसमें वक्त लगेगा। यदि इरादा सही है तो चीजें हो सकती हैं।’ अलगाववादियों को निशाने पर लेते हुए खेर ने कहा, ‘अलगाववादी हैं कौन? वे निर्वाचित सदस्य नहीं हैं। कैमरों ने उन्हें कुछ लोगों का मसीहा बना रखा है। कश्मीर के युवकों को रोजगार, बुनियादी ढांचे की जरूरत है। पांच छह लोग उसे बंधक नहीं बना सकते।’


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