चेन्नई (Chennai) में कुछ समय पहले एक शीर्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और ऑन्कोलॉजिस्ट पर महिला को परेशान करने का आरोप लगा था. आरोपी का नाम डॉक्टर सुब्बैया शणमुगम (Dr Subbiah Shanmugam) था. शणमुगम पर आरोप था कि उन्होंने महिला के दरवाजे पर पेशाब किया और उसके घर पर इस्तेमाल किए गए मास्क और कचरे को फेंका. प्रताड़ना के आरोपी डॉक्टर शणमुगम को अब AIIMS मदुरई के बोर्ड में शामिल किया गया है.
मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, डॉक्टर सुब्बैया शणमुगम को मदुरई AIIMS के बोर्ड में शामिल किया गया है. शणमुगम चेन्नई स्थित किलपौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं. वह तमिलनाडु में ABVP के प्रमुख भी हैं. डॉक्टर शणमुगम ने NDTV से बातचीत में कहा, 'मैंने कोई अपराध नहीं किया है. आरोप मामूली हैं. ये अपॉइन्टमेंट पूरी तरह से मेरी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर किया गया है. मैं पहले से अन्य AIIMS और IIT का सदस्य हूं.'
Is this an endorsement of indecent behaviour and also an incentive for other BJP cadres to follow suit? pic.twitter.com/E8ViIMOl6a
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) October 28, 2020
DMK नेता कनिमोझी ने इसपर ट्वीट किया, 'क्या ये अशोभनीय व्यवहार का समर्थन है और क्या ये इस तरह की हरकतों को दोहराने के लिए अन्य बीजेपी कैडरों के लिए एक प्रोत्साहन भी है.'
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इसी साल जुलाई में हुई पूरी घटना को सिलसिलेवार तरीके से बताते हुए पीड़ित महिला के परिवार के एक सदस्य ने NDTV को बताया कि परेशानी कम से कम चार महीने पहले उस वक्त शुरू हुई, जब उसने (महिला ने) डॉक्टर शणमुगम को अपने अपार्टमेंट परिसर में कार पार्किंग स्लॉट का उपयोग करने के लिए भुगतान करने के लिए कहा. परिवार के सदस्य ने कहा, 'वह उसे बुलाता और परेशान करता था. ये पूछे जाने पर कि क्या वह अपना चिकन भेज सकता है, यह जानते हुए कि वह शाकाहारी है.'
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जुलाई में कथित उत्पीड़न ने एक नया मोड़ लिया. महिला के रिश्तेदार ने कहा, 'डॉक्टर ने उसके दरवाजे पर पेशाब किया और उसकी जगह पर इस्तेमाल किया मास्क और अन्य गंदी चीजे फेंक दीं. हमारे पास CCTV फुटेज है लेकिन पुलिस केस दर्ज नहीं करेगी. उन्होंने केवल CSR रसीद दी है. हालंकि हमारी शिकायत पहले उत्पीड़न, उपद्रव और महामारी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग की थी, पुलिस ने एक शिकायत देने के लिए डॉक्टर का इंतजार किया और बाद में हमारी शिकायत को ही झूठा और जवाब में की गई शिकायत बता दिया.'
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