भगवंत मान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आप सांसद भगवंत मान द्वारा संसद भवन परिसर की वीडियोग्राफी करने के मामले की जांच करने वाली लोकसभा की एक समिति ने मान को वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने की गुरुवार को सिफारिश की.
आप सदस्य के अनुचित आचरण की जांच करने वाली भाजपा सदस्य किरीट सोमैया की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को लोकसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि संसद सदस्य भगवंत मान का आचरण अत्यधिक आपत्तिजनक है जो दर्शाता है कि वह आधारभूत ज्ञान और शिष्टाचार तथा जो पद वह धारण किये हुए हैं, उसके उत्तरदायित्वों के प्रति अनभिज्ञ हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, "अपने गलत आचरण से भगवंत मान ने संसद भवन और उससे जुड़े लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाला है. इसके अलावा मान ने समिति को दिए गए अपने उत्तर में सुसंगत और संतुलित दृष्टिकोण नहीं अपनाया. उनके उत्तरों में अंतर्निहित विरोधाभासों को स्पष्ट करने के लिए दिए गए अनेक अवसरों के पश्चात ही उन्होंने स्वयं में सुधार किया और 28 नवंबर को समिति को बताया कि वह अपने पूर्ववर्ती पत्रों को आंशिक रूप से वापस ले रहे हैं और इसके लिए बिना शर्त माफी मांग रहे हैं."
समिति ने कहा कि छह दिसंबर 2016 को अपने ई-मेल संदेश में भगवंत मान ने पुन: उसी पैरा को दोहराया कि "मैं इस बात से साफ इनकार करता हूं कि मेरी ओर से संसद की सुरक्षा व्यवस्था में कोई भूल चूक हुई है." रिपोर्ट में कहा गया है कि मान ने इस बात से भी इनकार किया कि उन्होंने संसद भवन संपदा और इसकी संस्थापनाओं और संसद भवन परिसर की किसी सुरक्षा व्यवस्था की वीडियोग्राफी की है अथवा जैसा कि आरोप है कि किसी तरह के महत्वपूर्ण फुटेज अपलोड किये हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक समिति महसूस करती है कि मान के पत्र में बार बार वही विरोधाभास दिखाई देता है और इसलिए इस तरह से समिति से माफी मांगने को बिना शर्त माफी मांगना नहीं कहा जा सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आप सदस्य के अनुचित आचरण की जांच करने वाली भाजपा सदस्य किरीट सोमैया की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को लोकसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि संसद सदस्य भगवंत मान का आचरण अत्यधिक आपत्तिजनक है जो दर्शाता है कि वह आधारभूत ज्ञान और शिष्टाचार तथा जो पद वह धारण किये हुए हैं, उसके उत्तरदायित्वों के प्रति अनभिज्ञ हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, "अपने गलत आचरण से भगवंत मान ने संसद भवन और उससे जुड़े लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाला है. इसके अलावा मान ने समिति को दिए गए अपने उत्तर में सुसंगत और संतुलित दृष्टिकोण नहीं अपनाया. उनके उत्तरों में अंतर्निहित विरोधाभासों को स्पष्ट करने के लिए दिए गए अनेक अवसरों के पश्चात ही उन्होंने स्वयं में सुधार किया और 28 नवंबर को समिति को बताया कि वह अपने पूर्ववर्ती पत्रों को आंशिक रूप से वापस ले रहे हैं और इसके लिए बिना शर्त माफी मांग रहे हैं."
समिति ने कहा कि छह दिसंबर 2016 को अपने ई-मेल संदेश में भगवंत मान ने पुन: उसी पैरा को दोहराया कि "मैं इस बात से साफ इनकार करता हूं कि मेरी ओर से संसद की सुरक्षा व्यवस्था में कोई भूल चूक हुई है." रिपोर्ट में कहा गया है कि मान ने इस बात से भी इनकार किया कि उन्होंने संसद भवन संपदा और इसकी संस्थापनाओं और संसद भवन परिसर की किसी सुरक्षा व्यवस्था की वीडियोग्राफी की है अथवा जैसा कि आरोप है कि किसी तरह के महत्वपूर्ण फुटेज अपलोड किये हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक समिति महसूस करती है कि मान के पत्र में बार बार वही विरोधाभास दिखाई देता है और इसलिए इस तरह से समिति से माफी मांगने को बिना शर्त माफी मांगना नहीं कहा जा सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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