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This Article is From Feb 05, 2021

'अगर प्राइवेट कंपनियों के कंट्रोल में आटा आ गया तो क्या होगा?' डेटा बैन पर AAP सांसद का एक तीर से दो निशाने

केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020 लागू कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तु की सूची से हटा दिया है. यानी प्राइवेट कंपनियां इन वस्तुओं को अपनी मर्जी से जमा कर सकती हैं. पहले ऐसा करना जमाखोरी कहलाता था और वह कानून अपराध था.

'अगर प्राइवेट कंपनियों के कंट्रोल में आटा आ गया तो क्या होगा?' डेटा बैन पर AAP सांसद का एक तीर से दो निशाने
AAP सांसद भगवंत मान ने किसान आंदोलनों की वजह से दिल्ली और हरियाणा के कई इलाकों में इंटरनेट बैन किए जाने तंज कसा है.
नई दिल्ली:

पंजाब के संगरूर से आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने किसान आंदोलनों की वजह से दिल्ली और हरियाणा के कई इलाकों में इंटरनेट बैन किए जाने तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि ये प्राइवेट कंपनिया मनमर्जी करती हैं. इसी बहाने उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा है जो तीन नए कृषि कानूनों के सहारे प्राइवेट कंपनियों को कृषि क्षेत्र में खुली छूट दे रही है.

भगवंत मान ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है, "लोगों द्वारा private कंपनी से ख़रीदा हुआ internet डाटा जब मर्ज़ी बैन हो जाता है..तो सोचो अगर इन कंपनीयो के कंट्रोल में ‘आटा' आ गया तो क्या होगा..." 

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हरियाणा के कई जिलों और दिल्ली के सिंघु बार्डर के आसपास के इलाकों में पिछले 5 दिनों से इंटरनेट बंद है. पुलिस ने छोटी सड़कें भी बंद कर दी हैं. इंटरनेट न होने से हरियाणा और सिंघु बार्डर के आस पास रह रहे हज़ारों बच्चों की परीक्षाएं मिस हो गई हैं. ऑनलाइन क्लास में दिक्कतें हो रही हैं. हालांकि, हरियाणा सरकार ने बृहस्पतिवार को तीन जिलों कैथल, जींद और रोहतक में मोबाइल इंटरनेट पर से पाबंदी हटा ली जबकि सोनीपत और झज्जर में पाबंदी को पांच फरवरी शाम पांच बजे तक बढ़ा दिया है.

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तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन के दौरान कानून-व्यवस्था के स्तर पर किसी भी तरह की बाधा से बचने के लिये ही मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाई गई है. इन्हीं कृषि कानूनों में प्राइवेट कंपनियों को फसल उत्पाद का संग्रह करने की खुली छूट दी गई है. केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020 लागू कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तु की सूची से हटा दिया है. यानी प्राइवेट कंपनियां इन वस्तुओं को अपनी मर्जी से जमा कर सकती हैं. पहले ऐसा करना जमाखोरी कहलाता था और वह कानून अपराध था.

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