आप के राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी हरियाणा में सत्ता में आई तो एसवाईएल नहर का पानी राज्य के खेतों तक पहुंचेगा. गुप्ता की इस टिप्पणी पर पंजाब कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. गुप्ता आम आदमी पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी भी हैं. उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी हरियाणा में अगली सरकार बनाएगी और कहा, ‘‘2025 में, हरियाणा में हर खेत में पानी पहुंचेगा. यह हमारा वादा नहीं है, बल्कि हमारी गारंटी है.'' यह पूछे जाने पर कि क्या उनका मतलब सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के पानी से भी है, गुप्ता ने इसका जवाब ‘हां' में देते हुए कहा, ‘‘बिलकुल.''
गुप्ता के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार से इस पर स्पष्टीकरण मांगा. एसवाईएल नहर कई दशकों से पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद का विषय रही है.
पंजाब रावी-ब्यास नदी के पानी के अपने हिस्से के पुनर्मूल्यांकन की मांग कर रहा है, जबकि हरियाणा अपने हिस्से का पानी पाने के लिए नहर को पूरा करने की मांग कर रहा है. कुरुक्षेत्र में पत्रकारों से बातचीत में गुप्ता ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि वे एसवाईएल नहर का मुद्दा नहीं सुलझाना चाहते ताकि वे वोट बैंक की राजनीति कर सकें.
गुप्ता ने कहा कि पंजाब के विभाजन के बाद हरियाणा को अस्तित्व में आए 50 साल से अधिक समय हो गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान, ऐसे मौके आए हैं जब केंद्र, पंजाब और हरियाणा में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों ने शासन किया. इसी तरह, ऐसे मौके आए हैं जब केंद्र, हरियाणा और पंजाब में भाजपा की सरकारों का शासन रहा है.'' गुप्ता ने कहा, ‘‘वे इस मुद्दे को हल नहीं करना चाहते हैं. वे चाहते हैं कि यह मुद्दा जारी रहे ताकि वे इस पर वोट बैंक की राजनीति कर सकें.''
पत्रकारों से बातचीत में पंजाब कांग्रेस के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी पार्टी के नेताओं से इस पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. खैरा ने कहा कि पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं है और उन्होंने भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार से इस मुद्दे पर पंजाब के रुख का दृढ़ता से बचाव करने का आग्रह किया.
खैरा ने कहा कि हरियाणा सरकार अदालत में अवमानना याचिका दायर करने पर विचार कर रही है और राज्य सरकार और उसके महाधिवक्ता को पंजाब के मामले का जोरदार बचाव करना चाहिए. खैरा ने उन खबरों पर प्रतिक्रिया दी जिसमें कहा गया है कि हरियाणा सरकार इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के पहले के आदेशों को लागू नहीं करने के लिए पंजाब के खिलाफ अदालत की अवमानना याचिका दायर करने पर विचार कर रही है.
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने पूछा कि पंजाब में आप के नेता इस पर चुप क्यों हैं? हरियाणा द्वारा अवमानना याचिका दायर किये जाने का विचार करने पर, वारिंग ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘दुश्मन द्वार पर है मान साहब, आपकी क्या तैयारी है. सभी पक्षों को विश्वास में लें और कानूनी-प्रशासनिक रणनीति तैयार करें.''
वहीं, शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने मान से पंजाबियों को यह बताने के लिए कहा कि क्या गुप्ता द्वारा दी गई ‘‘गारंटी'' ‘‘उनकी कृपा से'' दी गई है. इस घटनाक्रम को चौंकाने वाला करार देते हुए चीमा ने कहा, ‘‘दिल्ली के सांसद, जो हरियाणा से हैं, ऐसी ठोस गारंटी तभी दे सकते हैं, जब उन्हें आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ऐसा करने के लिए अधिकृत किया हो. मुद्दा यह है कि क्या पंजाब के मुख्यमंत्री को इसमें शामिल किया गया था या नहीं.''
चीमा ने एक बयान में कहा, ‘‘श्री भगवंत मान को इस मुद्दे पर तुरंत अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि पंजाबियों को कभी भी हरियाणा में चुनावी लाभ के लिए आप को अपने मूल हितों से छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.'' चीमा ने कहा, ‘‘इस जीत को केवल एक महीना हुआ है और आप पहले से ही यह घोषणा करके पंजाबियों को महत्व नहीं दे रही कि वह राज्य का नदी का पानी हरियाणा को दे देगी.''
हरियाणा राज्य विधानसभा ने इस महीने की शुरुआत में एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें केंद्र से शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुपालन में एसवाईएल नहर के निर्माण के लिए कदम उठाने को कहा गया था. पंजाब विधानसभा द्वारा चंडीगढ़ को तत्काल आम आदमी पार्टी द्वारा संचालित राज्य में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव पारित करने के कुछ ही दिनों बाद हरियाणा सरकार ने विधानसभा का एक दिवसीय सत्र बुलाया था.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं