मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के आगर मालवा जिले में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीकाकरण केंद्रों पर लाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की गई है. इसके तहत लोगों को कोविड टीकाकरण (Covid Vaccination) के लिए 'आमंत्रित' करने और वैक्सीनेशन सेंटर तक उन्हें लाने के लिए के लिए शगुन को तौर पर पीले रंग के चावल दिए गए. सुसनेर नगर निगम के कर्मचारियों ने गली-गली घूमकर 45 से अधिक उम्र के लोगों को पीले चावल दिए और सरकारी टीकाकरण केंद्र पर आने का न्यौता दिया.
निगम के कर्मचारियों द्वारा ऐसा कदम उठाया गया ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण टीकाकरण के प्रति मुखातिब हो सकें और बिना असफल हुए उनका टीकाकरण सुनिश्चित हो सके. इसके अलावा ये कर्मचारी आमजनों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं.
To invite people for #vaccination employees of Susner Municipal corporation distributed yellow rice (Pile Chawal) considered an auspicious sign to respond to the invitation positively :) @ndtv @ndtvindia #VaccinationDrive #Vaccinateindia pic.twitter.com/rSjT31Ir8W
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 5, 2021
ध्यान देने वाली बात यह है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दैनिक आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि टीकाकरण के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में सभी मुख्य रूप से शहरी हैं. दूसरी ओर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में मुख्य रूप से और बड़े पैमाने पर आदिवासी बहुल और ग्रामीण जिले हैं, जिसमें आगर-मालवा भी शामिल है.
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इस बीच, मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर की एक कंपनी को म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी बनाने का लाइसेंस जारी किया है. प्रदेश के जनसंपर्क विभाग की विज्ञप्ति में बताया गया कि मध्यप्रदेश के खाद्य एवं औषधि नियंत्रक ने जबलपुर के उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक निजी क्षेत्र की दवा कंपनी ‘रेवा क्योर लाइफ साइंसेज' को 22 दिसंबर 2021 तक के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के उत्पादन के लिए यह लाइसेंस जारी किया है.
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