केंद्र सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति का एलान कर दिया. अब पांचवीं तक मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई होगी. चार साल के ऑनर्स की पढ़ाई में हर साल कोई न कोई सर्टिफिकेट, डिग्री या डिप्लोमा मिल जाएगा. बाद में पढ़ाई पूरी करने का विकल्प भी होगा. 34 साल बाद आई नई शिक्षा नीति दावा करती है कि स्कूली शिक्षा मे वैज्ञानिक मिज़ाज को बढ़ावा दिया जाएगा. तकनीक की मदद ली जाएगी लेकिन सबको साथ लिया जाएगा. इस शिक्षा नीति के मुताबिक
- पहले तीन साल प्री स्कूलिंग के होंगे.
- 12वीं तक की पढ़ाई को 5+3+3+4 की डिजाइन पर रखा जाएगा.
- पांचवीं तक मातृभाषा या स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई होगी.
- यही नहीं, बारहवीं तक साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स के अंतर में लचीलापन लाया जाएगा.
- ग्रेजुएशन के कोर्स में हर साल बाहर जाने का विकल्प रहेगा.
- हर साल के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री की व्यवस्था होगी.
- लोग कभी भी बाद की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे.
- ऑनर्स चार साल का होगा जिसके बाद एक साल का मास्टर्स किया जा सकेगा.
- एमफिल नहीं, सीधे-सीधे पीएचडी की जा सकेगी.
स्कूली शिक्षा सचिव ने NDTV से कहा कि उच्च शिक्षा के स्तर पर भी कई अहम बदलाव दिख रहे हैं. ज़ोर अंतरराष्ट्रीय मानकों पर की गयी है. "NEP 2020 को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए, एक नया विधेयक -" उच्च शिक्षा आयोग विधेयक "संसद में रखा जाएगा. यह एक प्रमुख कानून होगा ... स्कूल शिक्षा से संबंधित मौजूदा कानूनों में कुछ संशोधन भी आवश्यक होंगे. .. .. मंत्रालय ने NEP 2020 को कल तक नवीनतम अधिसूचित करने का निर्णय लिया है ”.
पांचवी कक्षा तक मातृ भाषा में होगी पढ़ाई: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 10 प्रमुख पॉइंट
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