कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन के खिलाफ "ऑपरेशन ककून" अभियान की अगुआई करने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी विजय कुमार अब उन अनुभवों को किताब की शक्ल में पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। इसी "ऑपरेशन ककून" अभियान के तहत जंगलों में वीरप्पन को मारा गया था। आजकल विजय कुमार गृह मंत्रालय को नक्सल मामलों में सलाह देते हैं लेकिन साथ में अपनी यह किताब भी लिख रहे हैं।
विजय कुमार ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "मेरे पास वीरप्पन से जुड़े हुए कई दस्तावेज़ हैं उनके आधार पर मैं एक किताब लिख रहा हूं।" उनके मुताबिक़ अभी तक वो 1000 पन्ने लिख चुके हैं लेकिन अब कुछ चीज़ें निकाल रहे हैं।
1975 बैच के इस अफ़सर ने कहा "मैं तीन बार एसटीएफ में तैनात रहा, आखिरी बार के ग्यारह महीनों में हमने उसे खोज निकाला। इस किताब के ज़रिए जितना सच मैं लोगों के सामने रख सकता हूँ वो कोशिश कर रहा हूं।"
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, " मैं ये किताब पिछले 14 सालों से लिख रहा हूं। लेकिन क्या लिखूं और क्या छोड़ दूं, यह सब तय करने के चक्कर में शायद इतना समय लग गया।" वैसे अब यह किताब अपने आख़िरी पड़ाव में है और जल्दी ही प्रकाशित भी हो जाएगी।
कौन था वीरप्पन
वीरप्पन के नाम से प्रसिद्ध कूज मुनिस्वामी वीरप्पन दक्षिण भारत का कुख्यात चन्दन तस्कर था। चन्दन की तस्करी के अतिरिक्त वह हाथी दांत की तस्करी, हाथियों के अवैध शिकार, पुलिस तथा वन्य अधिकारियों की हत्या व अपहरण के कई मामलों का भी अभियुक्त था।
वीरप्पन पर बनी फिल्म
विजय कुमार का कहना है उन्होंने हाल में ही वीरप्पन पर रिलीज हुई राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म भी देखी है। इस पर उनका कहना है, "उसमें कई हिस्से हैं जो सच्चाई से बहुत दूर हैं। लेकिन शायद फ़िल्म है इसीलिए कहानी बदली गई है,"। वैसे राम गोपाल वर्मा के साथी फिल्म निर्माण के सिलसिले में विजय कुमार कई बार मिले थे और उस ऑपरेशन के बारे में विस्तार से चर्चा भी की थी।
विजय कुमार ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "मेरे पास वीरप्पन से जुड़े हुए कई दस्तावेज़ हैं उनके आधार पर मैं एक किताब लिख रहा हूं।" उनके मुताबिक़ अभी तक वो 1000 पन्ने लिख चुके हैं लेकिन अब कुछ चीज़ें निकाल रहे हैं।
1975 बैच के इस अफ़सर ने कहा "मैं तीन बार एसटीएफ में तैनात रहा, आखिरी बार के ग्यारह महीनों में हमने उसे खोज निकाला। इस किताब के ज़रिए जितना सच मैं लोगों के सामने रख सकता हूँ वो कोशिश कर रहा हूं।"
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, " मैं ये किताब पिछले 14 सालों से लिख रहा हूं। लेकिन क्या लिखूं और क्या छोड़ दूं, यह सब तय करने के चक्कर में शायद इतना समय लग गया।" वैसे अब यह किताब अपने आख़िरी पड़ाव में है और जल्दी ही प्रकाशित भी हो जाएगी।
कौन था वीरप्पन
वीरप्पन के नाम से प्रसिद्ध कूज मुनिस्वामी वीरप्पन दक्षिण भारत का कुख्यात चन्दन तस्कर था। चन्दन की तस्करी के अतिरिक्त वह हाथी दांत की तस्करी, हाथियों के अवैध शिकार, पुलिस तथा वन्य अधिकारियों की हत्या व अपहरण के कई मामलों का भी अभियुक्त था।
वीरप्पन पर बनी फिल्म
विजय कुमार का कहना है उन्होंने हाल में ही वीरप्पन पर रिलीज हुई राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म भी देखी है। इस पर उनका कहना है, "उसमें कई हिस्से हैं जो सच्चाई से बहुत दूर हैं। लेकिन शायद फ़िल्म है इसीलिए कहानी बदली गई है,"। वैसे राम गोपाल वर्मा के साथी फिल्म निर्माण के सिलसिले में विजय कुमार कई बार मिले थे और उस ऑपरेशन के बारे में विस्तार से चर्चा भी की थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं