यह ख़बर 18 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

2जी-स्पेक्ट्रम आरक्षित मूल्य पर फैसला टला

खास बातें

  • दूरसंचार पर ईजीओएम ने स्पेक्ट्रम की नीलीमी के लिए आरक्षित कीमत तय करने का फैसला शुक्रवार तक के लिए टाल दिया। इससे एक बार फिर 31 अगस्त की समय सीमा के भीतर 2जी-स्पेक्ट्रम की नीलामी करा पाने की सरकार की क्षमता पर आशंका खड़ी हो गई है।
नई दिल्ली:

दूरसंचार पर अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) ने स्पेक्ट्रम की नीलीमी के लिए आरक्षित कीमत तय करने का फैसला शुक्रवार तक के लिए टाल दिया। इससे एक बार फिर 31 अगस्त की समय सीमा के भीतर 2जी-स्पेक्ट्रम की नीलामी करा पाने की सरकार की क्षमता पर आशंका खड़ी हो गई है।

बुधवार को हुई बैठक में हालांकि ऑपरेटरों के लिए रोलआउट बाध्यता को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत स्पेक्ट्रम हासिल करने वाली कम्पनी को तीन साल में 10 फीसदी प्रखंड मुख्यालय, चार सालों में 20 फीसदी और पांच सालों में 30 फीसदी प्रखंड मुख्यालय तक सेवा पहुंचानी होगी।

केंद्रीय संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, दो मुद्दों पर चर्चा हुई ।स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और आरक्षित मूल्य, और फैसले को टाल दिया गया है। वह फैसला शुक्रवार को होगा।

पिछले सप्ताह ईजीओएम ने एयरवेव खरीदने के लिए कम्पनियों को स्पेक्ट्रम बैंकों को गिरवी रखकर धन जुटाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी।

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ईजीओएम की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम कर रहे हैं, जबकि इसके सदस्यों में शामिल हैं सिब्बल, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी, केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी।