नई दिल्ली:
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के एक सहयोगी के आडवाणी के साथ अनुभवों पर एक किताब शुक्रवार को जारी करेंगे। मगर आडवाणी के कार्यालय की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि आडवाणी न तो इस किताब को मंज़ूर कर रहे हैं और न ही उनका इससे कोई संबंध है।
ये किताब 32 साल तक आडवाणी के सहयोगी रहे विश्वंभर श्रीवास्तव ने लिखी है। इसका नाम भी 'आडवाणी के साथ 32 साल' रखा गया है। इसका विमोचन कार्यक्रम प्रज्ञा संस्थान की ओर से किया गया है।
दिलचस्प बात ये है कि विमोचन का कार्यक्रम बीजेपी के ही राज्यसभा के एक और सांसद आर के सिन्हा के घर पर हो रहा है।
इस किताब में आडवाणी के जीवन से जुड़ी कुछ घटनाओं का वर्णन करने का दावा किया गया है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक किताब में कहा गया है कि आडवाणी ने अपने बेटे जयंत आडवाणी को गांधीनगर से चुनाव लड़ाने की पेशकश से इनकार कर दिया था।
ये किताब 32 साल तक आडवाणी के सहयोगी रहे विश्वंभर श्रीवास्तव ने लिखी है। इसका नाम भी 'आडवाणी के साथ 32 साल' रखा गया है। इसका विमोचन कार्यक्रम प्रज्ञा संस्थान की ओर से किया गया है।
दिलचस्प बात ये है कि विमोचन का कार्यक्रम बीजेपी के ही राज्यसभा के एक और सांसद आर के सिन्हा के घर पर हो रहा है।
इस किताब में आडवाणी के जीवन से जुड़ी कुछ घटनाओं का वर्णन करने का दावा किया गया है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक किताब में कहा गया है कि आडवाणी ने अपने बेटे जयंत आडवाणी को गांधीनगर से चुनाव लड़ाने की पेशकश से इनकार कर दिया था।
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