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This Article is From Jul 17, 2015

135 किमी लंबा एक्‍सप्रेस वे देगा दिल्‍ली को ट्रकों और प्रदूषण से मुक्ति

135 किमी लंबा एक्‍सप्रेस वे देगा दिल्‍ली को ट्रकों और प्रदूषण से मुक्ति
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
नई दिल्‍ली: दिल्‍ली में ट्रैफिक बोझ की समस्‍या से निजात दिलाने के लिए कई सालों से अटके पूर्वी पेरिफेयर एक्‍सप्रेस प्रोजेक्‍ट को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी। इसके तहत हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश में छह लेन का रोड बनाया जाएगा।

यह बाईपास कुंडली से शुरू होकर गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद होते हुए पलवल में मिलेगा। कुंडली-मानेसर-पलवल दूसरा एक्सप्रेस-वे है। यह करीब 135 किमी. लंबी होगी सड़क होगी और इसके निर्माण में करीब 7558 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

दरअसल, इस बाईपास का बड़ा फायदा यह भी होगा कि दिल्ली से होकर दूसरे राज्यों को जाने वाली करीब 7 लाख गाड़ियां 6 लेन के इस बाईपास से निकल जाएंगी। इससे दिल्ली में भीड़ और प्रदूषण का स्‍तर काफी घटेगा। हालांकि इस परियोजना के देरी होने की बड़ी वजह जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर केंद्र और दिल्‍ली के बीच चल रही तकरार भी है। दिल्‍ली सरकार जमीन अधिग्रहण की लागत बढ़ जाने की वजह से ज्‍यादा मुआवजा मांगी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने इस छह लेन के पूर्वी परिधीय एक्सप्रेस के निर्माण को मंजूरी दी। आधिकारिक बयान में बयान कहा गया कि परियोजना का मुख्‍य उद्देश्‍य हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश राज्‍यों में बुनियादी ढांचे के सुधार में तेजी लाना है। यह सड़क दिल्‍ली के आसपास बाहरी परिधि में बनाई जाएगी ताकि जिन गाडि़यों को दिल्‍ली में नहीं ठहरना है वह शहर के बीच से नहीं गुजरें।

सरकार की तरफ से आगे कहा गया कि इस विस्‍तार से राज्‍य के संबद्ध क्षेत्रों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी और परियोजना गतिविधियों के लिए स्‍थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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