वारदात स्थल का दृश्य.
नई दिल्ली:
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा शहर में बुधवार को प्रदर्शनकारियों के एक समूह में मौजूद संदिग्ध आतंकवादियों ने पुलिस कर्मियों पर बम फेंक दिया और गोलियां चलाईं. इस हमले में पुलवामा के एडिशनल एसपी, डिप्टी एसपी, एसएचओ और सीआरपीएफ के एक कमांडेंट घायल हो गए. पुलिस का कहना है कि कुल मिलाकर 19 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं.
घायल अधिकारियों का इलाज श्रीनगर के अस्पताल में चल रहा है. हमला करने के बाद आतंकी भीड़ का फायदा उठाकर भाग गए. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस दल पुलवामा शहर में एक भीड़ को नियंत्रित कर रहा था, तभी आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया. ग्रेनेड पुलिस कर्मियों से कुछ मीटर की दूरी पर फट गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "भीड़ को ढाल बनाकर आतंकवादियों ने पुलिस को निशाना बनाया. ग्रेनेड फेंका और कुछ गोलियां भी चलाईं."
राजनीतिक दलों से मिले राजनाथ
यह हमला तब हुआ है जब केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह घाटी में स्थिति का जायजा लेने के लिए और तनाव खत्म करने का मार्ग ढूंढने के लिए कश्मीर पहुंचे हैं. इस माह में दूसरी बार केंद्रीय गृह मंत्री घाटी पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि वे प्रधानमंत्री के कहने पर उन लोगों से मिलने गए हैं जो कश्मीर के हालात को लेकर चिंतित हैं. राजनाथ सिंह बुधवार को सभी राजनीतिक दलों से मिले और गुरुवार को सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से मिलेंगे.
छह सप्ताह से जारी है हिंसा
पिछले छह सप्ताह से भी ज्यादा समय से घाटी में तनाव और हिंसा व्याप्त है. इसके चलते 69 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग घायल हो गए हैं. पुलवामा में हुई हिंसा में सुरक्षा कर्मियों के अलावा एक नागरिक मारा गया और कई घायल हुए. इस सबके बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नौजवानों से अपील की है कि वे किसी के कहने में न आएं. उनके मुताबिक कुछ लोग घाटी में हिंसा का दौर खत्म नहीं होने देना चाहते.
अलगाववादियों ने हड़ताल एक सितंबर तक बढ़ाई
उधर हिंसा का दौर खत्म न हो इसके लिए अलगाववादी नेताओं ने हड़ताल 1 सितम्बर तक बढ़ा दी है. उन्होंने इस सप्ताह के अंत में श्रीनगर के आर्मी के हेडक्वॉर्टर तक मार्च करने की अपील लोगों से की है. वैसे राज्य में सबसे खराब हालात दक्षिण कश्मीर में हैं, जहां पीडीपी का दबदबा माना जाता है. भाजपा नेताओं का मानना है कि पीडीपी वोट बैंक की राजनीति के तहत ही कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है.
घायल अधिकारियों का इलाज श्रीनगर के अस्पताल में चल रहा है. हमला करने के बाद आतंकी भीड़ का फायदा उठाकर भाग गए. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस दल पुलवामा शहर में एक भीड़ को नियंत्रित कर रहा था, तभी आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया. ग्रेनेड पुलिस कर्मियों से कुछ मीटर की दूरी पर फट गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "भीड़ को ढाल बनाकर आतंकवादियों ने पुलिस को निशाना बनाया. ग्रेनेड फेंका और कुछ गोलियां भी चलाईं."
राजनीतिक दलों से मिले राजनाथ
यह हमला तब हुआ है जब केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह घाटी में स्थिति का जायजा लेने के लिए और तनाव खत्म करने का मार्ग ढूंढने के लिए कश्मीर पहुंचे हैं. इस माह में दूसरी बार केंद्रीय गृह मंत्री घाटी पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि वे प्रधानमंत्री के कहने पर उन लोगों से मिलने गए हैं जो कश्मीर के हालात को लेकर चिंतित हैं. राजनाथ सिंह बुधवार को सभी राजनीतिक दलों से मिले और गुरुवार को सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से मिलेंगे.
छह सप्ताह से जारी है हिंसा
पिछले छह सप्ताह से भी ज्यादा समय से घाटी में तनाव और हिंसा व्याप्त है. इसके चलते 69 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग घायल हो गए हैं. पुलवामा में हुई हिंसा में सुरक्षा कर्मियों के अलावा एक नागरिक मारा गया और कई घायल हुए. इस सबके बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नौजवानों से अपील की है कि वे किसी के कहने में न आएं. उनके मुताबिक कुछ लोग घाटी में हिंसा का दौर खत्म नहीं होने देना चाहते.
अलगाववादियों ने हड़ताल एक सितंबर तक बढ़ाई
उधर हिंसा का दौर खत्म न हो इसके लिए अलगाववादी नेताओं ने हड़ताल 1 सितम्बर तक बढ़ा दी है. उन्होंने इस सप्ताह के अंत में श्रीनगर के आर्मी के हेडक्वॉर्टर तक मार्च करने की अपील लोगों से की है. वैसे राज्य में सबसे खराब हालात दक्षिण कश्मीर में हैं, जहां पीडीपी का दबदबा माना जाता है. भाजपा नेताओं का मानना है कि पीडीपी वोट बैंक की राजनीति के तहत ही कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है.
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