सातवां वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) की अलाउंसेस को लेकर सिफारिश के लागू होने के पहले ही कर्मचारियों ने इस आपत्ति जताई थी. कर्मचारियों की आपत्ति के बाद सरकार ने अलाउंस को लेकर एक समिति का गठन किया. पिछले कई महीनों से समिति ने कर्मचारियों नेताओं से बातचीत की और कहा जा रहा था कि रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है. साथ ही कहा जा रहा था कि समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार सौंप दी है.
माना जा रहा था कि केंद्र सरकार इस बारे में 11 मार्च को चुनाव परिणामों के बाद कोई अंतिम निर्णय ले लेगी. लेकिन अब 10 मार्च को 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि यह रिपोर्ट अभी फाइनल नहीं हुई और समिति ने यह रिपोर्ट सरकार को अभी सौंपी नहीं है. मंत्री ने कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत नहीं की है. समिति का विचार-विमर्श अंतिम चरणों में है. रिपोर्ट को लागू करने के संबंध में निर्णय, समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत कर दिए जाने के बाद ही लिया जाएगा.
संसद में सदस्य सुल्तान अहमद और दुष्यंत चौटाला ने पूछा कि क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या सरकार ने सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आलोक में विभिन्न भत्तों की जांच के लिए कोई समिति गठित की है;
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है तथा इसके विचारार्थ विषय क्या हैं;
(ग) क्या भत्तों संबंधी उक्त समिति ने केन्द्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, यदि हां, तो समिति की सिफारिशें क्या हैं तथा इस पर सरकार की अनुवर्ती कार्रवाई क्या है;
(घ) यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं तथा उक्त रिपोर्ट कब तक प्रस्तुत किए जाने की संभावना है; और
(ङ) क्या सरकार का मकान किराया भत्ता और अन्य भत्तों की बकाया राशि सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग के क्रियान्वयन की अधिसूचना जारी होने के माह से देने का प्रस्ताव है, यदि हां, तो तत्सबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
इस प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि
(क) और (ख): जी हां. 22 जुलाई, 2016 के आदेश के तहत भत्तों संबंधी समिति गठित की गई है. यह समिति कर्मचारी संघों द्वारा दिए गए अभ्यावेदनों और संबंधित मंत्रालयों/विभागों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न भत्तों के संबंध में सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों की जांच करने तथा ये सिफारिशें करने के लिए है कि सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें में क्या कोई परिवर्तन अपेक्षित है और यदि हां, तो किस रूप में.
(ग) से (ङ): समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत नहीं की है. समिति का विचार-विमर्श अंतिम चरणों में है. रिपोर्ट को लागू करने के संबंध में निर्णय, समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत कर दिए जाने के बाद ही लिया जाएगा.
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