उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में कथित खजाने की खोज में जुटी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने गुरुवार को छठे दिन कड़ी सुरक्षा के बीच डौंडियाखेड़ा में खुदाई शुरू कर दी।
अब तक पांच दिनों में कुल 190 सेंटीमीटर खुदाई की जा चुकी है। पांच दिन में न तो सोना मिला और न ही सोना मिलने से आसार नजर आए हैं। खुदाई में मिली प्राचीन दीवार, खंभे का हिस्सा, मिट्टी के टूटे बर्तनों और कांच की चूड़ियों का एएसआई अधिकारियों द्वारा गहन परीक्षण किया जा रहा है। सदियों पुरानी ये चीजें पुरातात्विक महत्व की बताई जा रही हैं।
इससे पहले बुधवार को खुदाई का काम मजदूरों की साप्ताहिक छुट्टी की वजह से बंद रहा। इसके बावजूद सुरक्षा के इंतजाम जस के तस रहे।
खुदाई स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। साथ ही पूरे क्षेत्र की बैरीकेडिंग की गई है। मीडिया को बैरीकेडिंग से आगे जाने की मनाही है।
खुदाई में खजाना मिलने की संभावना क्षीण होते देख वहां सोना देखने गए लोगों की भीड़ लगभग छट चुकी है। भीड़ के नाम पर केवल पुलिसकर्मी और कुछ स्थानीय मीडियाकर्मी ही बचे हैं।
खनन स्थल पर तैनात पुलिस उपाधीक्षक तौकीर अहमद ने गुरुवार को कहा कि सुरक्षा के इंतजाम पहले की तरह हैं। पुलिस और प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के करीब 175 जवान 24 घंटे नजर रखे हुए हैं।
गौरतलब है कि बाबा शोभन सरकार के सपने के आधार पर डौंडियाखेड़ा में राजा राव रामबख्श सिंह के किले की खुदाई की जा रही है। बाबा ने किले में जमीन के नीचे एक हजार टन सोना दबे होने का सपना देखा था।
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