प्रतीकात्मक फोटो.
बालेश्वर (ओडिशा) :
हाल ही में उड़ीसा के भुवनेश्वर में एक ट्रेन बिना इंजन के 10 किलोमीटर तक पटरी पर दौड़ी थी. इसके बाद एक ऐसा ही मामला फिर सामने आया है. हालांकि इस बार कोयले से लदी मालगाड़ी के छह डिब्बे बिना इंजन के 2 किलोमीटर तक दौड़ती रही.
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रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि घटना शनिवार रात खांटापाड़ा और भानगा के बीच उस वक्त हुई जब धमारा से जमशेदपुर जा रही मालगाड़ी के छह डिब्बों को बाकी ट्रेन से अलग किया गया. इसके बाद छह डिब्बे बिना इंजन के चलने लगे.
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उन्होंने बताया कि घटना के बारे में तुरंत पता चल जाने और रेलवे अधिकारियों के तुरंत कदम उठाने पर पर हादसा टल गया और कोई घायल नहीं हुआ. बालेश्वर रेलवे स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक भगवत दास ने बताया, 'कुछ यांत्रिक गड़बड़ी के कारण पिछले छह डिब्बों को ट्रेन से अलग किया गया. गड़बड़ी को तुरंत दूर कर लिया गया.
ऐहतियाती तौर पर लाइन पर करीब दो घंटे तक ट्रेनों का आवागमन नियंत्रित किया गया. दास ने बताया कि अलग हुए डिब्बों को लाने और ट्रेन में उन्हें जोड़ने के लिए एक इंजन भेजा गया. इससे पहले, 7 अप्रैल की रात अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस की 22 बोगियां बोलांगीर जिले में टिटिलागढ़ से कालाहांडी जिले के केसिंगा के बीच 13 किलोमीटर तक बिना इंजन के चलती रहीं. घटना के वक्त ट्रेन में सैकड़ों लोग सवार थे.
(इनपुट : भाषा)
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रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि घटना शनिवार रात खांटापाड़ा और भानगा के बीच उस वक्त हुई जब धमारा से जमशेदपुर जा रही मालगाड़ी के छह डिब्बों को बाकी ट्रेन से अलग किया गया. इसके बाद छह डिब्बे बिना इंजन के चलने लगे.
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उन्होंने बताया कि घटना के बारे में तुरंत पता चल जाने और रेलवे अधिकारियों के तुरंत कदम उठाने पर पर हादसा टल गया और कोई घायल नहीं हुआ. बालेश्वर रेलवे स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक भगवत दास ने बताया, 'कुछ यांत्रिक गड़बड़ी के कारण पिछले छह डिब्बों को ट्रेन से अलग किया गया. गड़बड़ी को तुरंत दूर कर लिया गया.
ऐहतियाती तौर पर लाइन पर करीब दो घंटे तक ट्रेनों का आवागमन नियंत्रित किया गया. दास ने बताया कि अलग हुए डिब्बों को लाने और ट्रेन में उन्हें जोड़ने के लिए एक इंजन भेजा गया. इससे पहले, 7 अप्रैल की रात अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस की 22 बोगियां बोलांगीर जिले में टिटिलागढ़ से कालाहांडी जिले के केसिंगा के बीच 13 किलोमीटर तक बिना इंजन के चलती रहीं. घटना के वक्त ट्रेन में सैकड़ों लोग सवार थे.
(इनपुट : भाषा)
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