दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की साइबर सेल (Cyber Cell) ने एक अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का भांडाफोड़ किया है. इस टेलीफोन एक्सचेंज के जरिये देश को न सिर्फ आर्थिक चूना लगाया जा रहा था, बल्कि देश की सुरक्षा में भी सेंधमारी की आशंका है. इस अवैध टेलीफोन एक्सचेंज में गल्फ कंट्री, नेपाल, अमेरिका, कनाडा और पाकिस्तान से करीब 1 लाख से ज्यादा कॉल्स रिसीव किए जा रहे थे. हैरान करने वाली बात ये है कि सिर्फ पाकिस्तान से ही करीब 50 हजार कॉल्स रोज आ रहे थे.
डीसीपी सेंट्रल श्वेता चौहान ने बताया कि इस गैंग का सरगना इरफान दिल्ली के चांदनी चौक इलाके का रहने वाला है. 9वीं पास इरफान टेक्निकली काफी मजबूत है और उसने पहले टीवी, मोबाइल ठीक करने का काम किया और अपनी टेलीकॉम की अच्छी जानकारी से धीरे- धीरे इसने दिल्ली के हौजकाजी इलाके में एक अवैध कॉल सेंटर तैयार किया. यहां से उसने अपने गोरख धंधे की शुरुआत की. मुम्बई में भी ये आरोपी फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज खोल रखा था. पुलिस की सख्ती के कारण वहां से फरार हो गया.
फरवरी में जांच एजेंसियों को पहली बार मामला संज्ञान में आया. उस वक्त दिल्ली से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. एसआईपी सर्वर की मदद से इस एक्सचेंज में अभी तक देश मे करीब 4 करोड़ कॉल्स अलग-अलग देशों से भारत आई है. इन कॉल्स का पैसा क्या हवाला के जरिये हिंदुस्तान आ रहा था, दिल्ली पुलिस इसकी जांच कर रही है. मामले में कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
जांच एजेंसियों के मुताबिक प्रतिदिन इस सेटअप पर 300000 कॉल बाहर के देशों से आ रही थी. आंकड़ों के मुताबिक इस रैकेट से अब तक करीब 103 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान भारत सरकार और टेलीकॉम सेक्टर को पहुंचा है.
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