केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के कुछ अन्य पूर्व नेताओं के साथ राष्ट्रीय राजधानी में बीजेपी में शामिल हो गए. बनर्जी ने हाल ही में तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी. उनके साथ विधायक प्रबीर घोषाल और बैशाली डालमिया तथा हावड़ा के पूर्व मेयर रतिन चक्रवर्ती एक विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे और भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की. घोषाल और डालमिया को हाल में तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था. नदिया जिले की राणाघाट पश्चिम विधानसभा से तृणमूल कांग्रेस के पूर्व विधायक पार्थसारथी चट्टोपाध्याय और अभिनेता रुद्रनील घोष भी इन नेताओं की दिल्ली यात्रा के दौरान उनके साथ थे. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय तथा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी उनके साथ दिल्ली पहुंचे थे. इससे पहले, दिन में बनर्जी ने कहा था कि उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत हुई है, जिन्होंने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी बुलाया है.
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ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार में वन मंत्री रहे राजिब बनर्जी ने कहा कि अमित शाह ने उनसे फोन पर बात की और अपने हाथों से बीजेपी का झंडा थमाने की इच्छा व्यक्त की. लिहाजा उन्होंने हमारे लिए कोलकाता से दिल्ली के लिए चार्टर्ड प्लेन भेजा. राजिब ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस से त्यागपत्र दिया था. उनके साथ जो चार अन्य नेता पार्टी छोड़ कर आए हैं, उनमें बाली से टीएमसी विधायक बैशाली डालमिया, उत्तरपाड़ा के एमएलए प्रबीर घोषाल, हावड़ा के मेयर रतिन चक्रबर्ती और पूर्व विधायक और रानाघाट से पांच बार नगर निकाय प्रमुख रहे पार्थ सारथी चटर्जी शामिल हैं.
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घटनाक्रम पर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद एवं पार्टी प्रवक्ता सौगत रॉय ने कहा, ‘‘जो लोग छोड़कर गए हैं, उनका कोई लंबा राजनीतिक इतिहास नहीं है और उनमें से अधिकतर को पार्टी में ममता बनर्जी ने शामिल किया था. भविष्य में तृणमूल कांग्रेस सतर्क रहेगी.'' तृणमूल कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता एवं मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा, ‘‘यदि कोई जाना चाहता है तो क्या किया जा सकता है? हम एक बड़ी पार्टी हैं. हम असंतुष्टों को सेना की तैनाती कर नहीं रोक सकते.''
तृणमूल कांग्रेस ने चुनावी रणनीति को लेकर शुक्रवार को एक बैठक की थी, जिसमें पार्टी से पलायन करने वालों पर ध्यान देने की बजाय प्रचार पर फोकस करने पर जोर दिया गया. टीएमसी नेतृत्व की ओर से यह भी कहा गया है कि पार्टी छोड़ने वालों के खिलाफ गलत बयानबाजी न की जाए क्योंकि इससे मतदाताओं में नकारात्मक संदेश जाता है. (इनपुट भाषा से...)
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