जम्मू कश्मीर के 5 पूर्व विधायकों को रिहा कर दिया गया है. बीते अगस्त महीने में विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद से ये नेता हिरासत में थे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला अब भी हिरासत में हैं. रिहा किए नेताओं में दो नेता पीडीपी के, दो नेशनल कॉन्फ्रेंस के और एक निर्दलीय है. बता दें कि इससे पहले रविवार को पीडीपी ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक नेताओं की रिहाई की अपनी मांग दोहराई थी. साथ में पार्टी ने कहा था कि इस क्षेत्र में मौजूदा स्थिति लोकतंत्र के विचार को कमजोर कर रही है. पार्टी ने कहा कि मौजूदा स्थिति आपातकाल के दिनों की यादों को ताजा कर रही है.
Jammu and Kashmir: Two former Peoples' Democratic Party (PDP) legislators, two former National Conference (NC) legislators and one former Independent legislator who were detained after abrogation of #Article370 in August, have been released. pic.twitter.com/JqHYT16Zoy
— ANI (@ANI) December 30, 2019
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के महासचिव और विधान परिषद के पूर्व सदस्य सुरिंदर चौधरी ने कहा कि शांति कायम करने के लिए, सरकार को मौजूदा स्थिति पर गौर करना चाहिए जो बहुत गंभीर और चिंताजनक है. यहां पार्टी मुख्यालय में एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने जम्मू कश्मीर के हिरासत में रखे गए राजनीतिक नेताओं को रिहा किए जाने की जरूरत को रेखांकित किया.
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बैठक में जम्मू-कश्मीर की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई और पार्टी संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की चौथी पुण्यतिथि मनाने के लिए किए जा रहे प्रबंधों का भी जायजा लिया गया. चौधरी ने सरकार से जम्मू के साथ-साथ कश्मीर के भी किसानों को तत्काल राहत प्रदान करने की गुजारिश की, जिन्हें इस सर्दी की शुरुआत में अभूतपूर्व बर्फबारी और भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा.
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