
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज बृहन्मुंबई महानगरपालिका द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस में की गई तोड़फोड़ पर रोक लगा दी, और कहा कि बीएमसी का आचरण "दुर्भावनापूर्ण" और "अपमानजनक" था. अदालत ने बीएमसी को नोटिस दिया है. गौरतलब है कि बीएमसी में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना सत्ता में है.
कोर्ट ने कहा कि बीएमसी ने जिस तरह से तोड़फोड़ का काम शुरू किया वह कहीं से भी प्रामाणिक नहीं है और दुर्भावना से किया गया लगता है.
कोर्ट ने कहा, ''हम मामले में मदद तो नहीं कर सकते लेकिन अगर BMC ऐसे ही काम करती रही तो यह शहर पूरी तरह से एक अलग ही जगह हो जाएगा.
कोर्ट ने कहा कि बीएमसी का स्टॉप-वर्क नोटिस अस्पष्ट है और अनधिकृत कार्यों के बारे में बताया नहीं गया है.
कोर्ट ने कहा,''बीएमसी ने अदालत का समय बर्बाद किया और तब तक पूरा तोड़फोड़ का काम कर दिया.''
कोर्ट ने कहा,''हम BMC के आचरण को अत्यधिक अपमानजनक पाते हैं, इसलिए कि BMC को अच्छी तरह से पता था कि याचिकाकर्ता द्वारा किसी भी समय इस अदालत के समक्ष याचिका दायर की जाएगी और अदालत भी तत्काल आदेश देगी.''