नई दिल्ली:
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की सुनवाई कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने सोमवार को 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर अपना आदेश 15 सितम्बर तक के लिए सुरक्षित रख लिया। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति ओपी सैनी ने सभी आरोपियों के खिलाफ सीबीआई के विशेष अभियोजक यूयू ललित की बहस सुनने के बाद यह निर्णय लिया। सीबीआई द्वारा बहस समाप्त किए जाने के बाद न्यायाधीश ने कहा, "आदेश सुरक्षित रख लिया गया है और हम आरोप तय करने के मुद्दे पर 15 सितम्बर को आदेश सुनाएंगे।" ललित ने अदालत से कहा कि स्वान टेलीकॉम और यूनीटेक वायरलेस को अयोग्य होने के बाद भी लाइसेंस मिला। उन्होंने कहा कि दोनों ही कम्पनियों ने लाइसेंस मिलने के बाद शेयरों की बिक्री की और इस प्रक्रिया में 7,300 करोड़ रुपये कमाए। ललित ने हालांकि यह माना कि लाइसेंस के लिए किसी भी तरह के अवैध धन हस्तांतरण मामले में सीबीआई को यूनीटेक के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। ललित ने कहा कि राजा ने लाइसेंस के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाने से एक दिन पहले दूरसंचार कम्पनियों को 2जी स्पेक्ट्रम का लाइसेंस जारी किए जाने को मंजूरी दी। सीबीआई ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आपराधिक षड़यंत्र से निपटने से सम्बंधित प्रावधानों के तहत 14 आरोपियों और तीन कम्पनियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए प्रथम दृष्टया काफी सबूत मौजूद हैं।
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