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This Article is From Mar 01, 2022

कीव में नहीं बचा अब कोई भारतीय, वतन वापसी के लिए अगले 3 दिनों में भेजेंगे 26 उड़ानें : केंद्र

रूस के हमलों से बेहाल यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं. भारत सरकार ने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले तीन दिन में 26 उड़ानें संचालित की जाएंगी.

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कीव में नहीं बचा अब कोई भारतीय, वतन वापसी के लिए अगले 3 दिनों में भेजेंगे 26 उड़ानें : केंद्र
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा
नई दिल्ली:

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए भरसक प्रयास कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में जारी युद्ध के मद्देनजर आज एक उच्चस्तरीय बैठक की. पीएम के बैठक के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले तीन दिनों में 26 उड़ानें संचालित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के अलावा पोलैंड और स्लोवाक के हवाई अड्डों का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

मिशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी की प्रक्रिया चल रही है. इस योजना के तहत, 8 मार्च तक 46 उड़ानें संचालित की जाएंगी. यह उड़ानें 26 फरवरी से परिचालित हो रही हैं. इसमें से बुखारेस्ट से 29 उड़ानें, बुडापेस्ट से 10 उड़ानें, Rzeszow की 6 उड़ानें, Kocise की एक उड़ान शामिल है. बुखारेस्ट के लिए भारतीय वायुसेना एक उड़ान संचालित करेगी.

विदेश सचिव ने कहा, "जब हमने पहली एडवाइजरी जारी की थी तो उस समय हमारा अनुमान था कि 20,000 छात्र-छात्राएं यूक्रेन में हैं. उस समय से लगभग 12,000 लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं, जो कि यूक्रेन में हमारे नागरिकों की कुल संख्या का 60 प्रतिशत है."

उन्होंने कहा, "बाकी बचे 40 प्रतिशत में से, करीब आधे लोग खारकीव, सुमी इलाके में संघर्ष क्षेत्र में हैं और शेष आधे यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं तक पहुंच गए हैं या फिर पश्चिमी हिस्से की ओर पहुंच रहे हैं... वे आमतौर पर संघर्ष वाले क्षेत्रों से बाहर हैं."

रूस के हमलों से बेहाल यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार ने ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत कोशिशें तेज कर दी हैं. सरकार की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि अगले तीन दिनों में 26 उड़ानें भरी जाएंगी और इसके जरिये भारतीयों को यूक्रेन के पड़ोसी देश रोमानिया, पोलैंड या हंगरी से वापस लाया जाएगा.

विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि हमारे सभी नागरिकों ने कीव छोड़ दिया है तथा उन्होंने रूस एवं यूक्रेन के राजदूतों को भारत की उस मांग से अवगत करा दिया है कि खारकीव एवं संघर्ष वाले अन्य क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को ‘तत्काल सुरक्षित रास्ता' मुहैया कराया जाए.

श्रृंगला ने कहा, "हमारे सभी नागरिक यूक्रेन की राजधानी कीव छोड़ चुके हैं." उन्होंने कहा, "हमारे पास यह सूचना है कि हमारे कोई नागरिक अब कीव में नहीं बचे हैं. किसी ने कीव से हमसे संपर्क नहीं किया है. हमारी पूछताछ से पता चला है कि हमारा प्रत्येक नागरिक कीव से बाहर आ गया है."

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इससे पहले, रोमानिया में भारतीय दूतावास ने साफ किया है कि यूक्रेन से आने के बाद रोमानिया से विशेष उड़ान लेने के लिए किसी भारतीय को वीजा की जरूरत नहीं है. भारतीय दूतावास का कहना है कि हमें यूक्रेन से निकासी के बाद रोमानिया में अभी शरण लेने वाले भारतीय छात्रों से कुछ सवाल मिले हैं कि क्या कुछ दिनों के बाद वीजा की जरूरत के मद्देनजर वे वहां से बाहर नहीं निकल सकेंगे.

भारत युद्धग्रस्त देश में फंसे अपने नागरिकों को 27 फरवरी से रोमानिया और हंगरी के रास्ते स्वदेश ला रहा है. रोमानिया और हंगरी यूक्रेन के पड़ोसी देश हैं. 

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