सलमान खान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
2002 के हिट एंड रन मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में सलमान खान ने कहा कि पुलिस ने मुझे गलत फंसाया है। मैंने न शराब पी रखी थी और न ही मैं ड्राइव कर रहा था।
घटना की रात ड्राइवर गाड़ी चला रहा था और गाड़ी की स्पीड 40 से 50 की थी। यह हादसा टायर फटने की वजह से हुआ था। टायर पत्थर और मलबे से टकराकर फटा था।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में सलमान खान ने कहा है कि घटना की रात यानी 27 सितंबर की रात गाड़ी ड्राइवर अशोक सिंह चला रहा था। घटना के बाद अशोक ने ही पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया और फिर थाने गया, लेकिन पुलिस ने उससे बात तो की मगर बयान दर्ज नहीं किए। पुलिस यह भी साबित नहीं कर पाई कि ब्लड सैंपल उसी के हैं या फिर उसके साथ छेड़छाड़ हुई। बॉम्बे हाईकोर्ट का बरी करने का फैसला बिल्कुल सही है।
कोर्ट में दाखिल जवाब में सलमान ने कहा
- उसे मामले में झूठा फंसाया गया है
- कार में दो लोग और थे, लेकिन पुलिस ने सिर्फ कांस्टेबल रविंद्र पाटिल का बयान लिया
- कमाल खान भी चश्मदीद था, लेकिन उसका बयान नहीं लिया गया
- अभियोजन को डर था कि कमाल सच बता देगा, इसलिए उसके बयान नहीं लिए गए
- कमाल ने कहा था कि अगर कोर्ट मे बुलाया गया तो वो जरूर हाजिर होगा, लेकिन कोर्ट ने उसकी अर्जी ठुकरा दी
- कमाल की गवाही ना होने से केस के ट्रायल में गंभीर चूक हुई है
- जिसकी वजह से ट्रायल में संविधान द्वारा दिए गए फेयर ट्रायल के अधिकार का हनन हुआ
- बॉम्बे हाईकोर्ट में कमाल की गवाही को लेकर अर्जी लगाने पर अभियोजन ने विरोध किया और झूठी रिपोर्ट लगाई कि कमाल को समन भेजे गए, लेकिन उसने नहीं लिए जबकि ये समन गलत पते पर भेजे गए।
- अभियोजन ने यह जानबूझकर किया क्योंकि कमाल की गवाही से साफ हो जाता कि वह न तो गाड़ी चला रहे थे और न ही शराब पिए हुए थे।
- दुर्भाग्य है कि किसी भारतीय नागरिक को फंसाने के लिए राज्य यानी पुलिस इस हद तक जा सकती है
- निचली अदालत ने रवीन्द्र पाटिल की गवाही को विश्वसनीय माना लेकिन हाई कोर्ट ने उसकी गवाही को सही न मान कर सही फैसला दिया।
- रवीन्द्र पाटिल निचली अदालत में गवाही नहीं देना चाहता था, लेकिन उस पर दबाव बनाकर गवाही दिलाई गई। पाटिल के बयान अदालत में विरोधभाषी रहे हैं।
- सलमान 80 के दशक से नामचीन हस्ती है। उनकी फ़ोटो जनता जानती भी है और फ़ोटो भी लेती है, लेकिन एक भी ऐसा व्यक्ति सामने नहीं आया जो ये कह सके कि सलमान गाड़ी चला रहे थे।
- 28 सितंबर 2002 को 'गर्व' फिल्म की शूटिंग करनी थी। फिल्म की तैयारी के तहत स्वास्थ्य का ध्यान रख रहा था और शराब नहीं पी रहा था।
- 27 सितंबर की शाम को भाई सोहेल खान का फोन आने पर वह कमाल खान, पाटिल और ड्राइवर अल्ताफ के साथ रेन बार गया। उस समय गाड़ी ड्राइवर अल्ताफ चला रहा था।
- फैमिली के पास तीन ड्राइवर है अशोक सिंह, अल्ताफ़ और दत्ता। तीनों का कोई समय फिक्स नहीं है इनको कभी भी काम पर बुलाया जा सकता है।
- कमाल खान, सलमान आधी रात के वक़्त रेन बार पहुंचे थे। भीड़ बहुत थी लाइट कम थी। सोहल और दोस्तों ने ड्रिंक मंगाया। मैंने बस पानी पिया था, शराब नहीं।
- रोशनी कम होने से किसी को दिखाई नहीं दे सकता कि मैंने क्या खाया या पिया
- जब में बार से बाहर आया तो कई लोग ने मेरे साथ फ़ोटो लिया, लेकिन किसी ने शराब की शिकायत नहीं की। बार के मैनेजर ने भी यही कहा है।
- जब रेन बार से बाहर आए तो गाड़ी अल्ताफ चला रहा था और मैं बायीं तरफ बैठा था। रस्ते में करीब 1 बजकर 30 मिनट पर एनिग्मा जुहू के एक और नाइट क्लब में गए जहां सलमान ने केवल पानी पिया था।
- वहां ड्राइवर अल्ताफ़ ने कहा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है वह अशोक सिंह को बुला रहा है।
- 2 बजकर 15 मिनट पर हम बाहर निकले। तब तक अशोक सिंह नहीं आया। तब में ड्राइवर सीट पर बैठा और AC ओन किया और अशोक सिंह का वेट किया।
जब अशोक आया तो ड्राइवर सीट पर वह बैठा। पार्किंग की देख-रेख करने वालों ने भी यही बयान दिया है।
- अभियोजन पक्ष ने गाड़ी खड़ी करने वाले कदम का बयान दर्ज नहीं किया। गवाह के तौर पर नहीं बुलाया। हो सकता है दूसरे गवाह ने यह देख लिया कि मैं ड्राइविंग सीट पर बैठा था जब हम अशोक सिंह का इंतजार कर रहे थे। किसी ने सलमान को गाड़ी चलाते नहीं देखा।
- उसके बाद गाड़ी अशोक ही चला रहा था। होटल से अशोक गाड़ी चला रहा था 40 से 50 की स्पीड पर। सेंट एंड्रू रोड और हिल रोड पर काम चल रहा था।
- वहां पड़े पत्थर और मलबे से गाड़ी का बायां अगला टायर फट गया और गाड़ी बेकाबू होकर अमेरिकन एक्सप्रेस के दफ्तर की सीढ़ियों पर चढ़ गई और हादसा हो गया।
- गाड़ी और बैंक के शटर में कम नुकसान से साबित होता है कि गाड़ी तेज नहीं थी।
- दायीं ओर का दरवाजा जाम होने की वजह से वह ड्राइवर सीट से बाहर आए, लेकिन लोग गुस्सा रहे थे, जिस पर एक जानकार ने उन्हें वहां से घर भेज दिया।
- सुबह करीब 10.30 बजे सलमान बांद्रा थाने पहुंचे तो पुलिस ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने का दबाव है और अशोक सिंह की बजाये उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
- इस दौरान अशोक सिंह को न्यायिक प्रक्रिया के दौरान पेश करने कभी मौका नहीं मिला।
घटना की रात ड्राइवर गाड़ी चला रहा था और गाड़ी की स्पीड 40 से 50 की थी। यह हादसा टायर फटने की वजह से हुआ था। टायर पत्थर और मलबे से टकराकर फटा था।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में सलमान खान ने कहा है कि घटना की रात यानी 27 सितंबर की रात गाड़ी ड्राइवर अशोक सिंह चला रहा था। घटना के बाद अशोक ने ही पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया और फिर थाने गया, लेकिन पुलिस ने उससे बात तो की मगर बयान दर्ज नहीं किए। पुलिस यह भी साबित नहीं कर पाई कि ब्लड सैंपल उसी के हैं या फिर उसके साथ छेड़छाड़ हुई। बॉम्बे हाईकोर्ट का बरी करने का फैसला बिल्कुल सही है।
कोर्ट में दाखिल जवाब में सलमान ने कहा
- उसे मामले में झूठा फंसाया गया है
- कार में दो लोग और थे, लेकिन पुलिस ने सिर्फ कांस्टेबल रविंद्र पाटिल का बयान लिया
- कमाल खान भी चश्मदीद था, लेकिन उसका बयान नहीं लिया गया
- अभियोजन को डर था कि कमाल सच बता देगा, इसलिए उसके बयान नहीं लिए गए
- कमाल ने कहा था कि अगर कोर्ट मे बुलाया गया तो वो जरूर हाजिर होगा, लेकिन कोर्ट ने उसकी अर्जी ठुकरा दी
- कमाल की गवाही ना होने से केस के ट्रायल में गंभीर चूक हुई है
- जिसकी वजह से ट्रायल में संविधान द्वारा दिए गए फेयर ट्रायल के अधिकार का हनन हुआ
- बॉम्बे हाईकोर्ट में कमाल की गवाही को लेकर अर्जी लगाने पर अभियोजन ने विरोध किया और झूठी रिपोर्ट लगाई कि कमाल को समन भेजे गए, लेकिन उसने नहीं लिए जबकि ये समन गलत पते पर भेजे गए।
- अभियोजन ने यह जानबूझकर किया क्योंकि कमाल की गवाही से साफ हो जाता कि वह न तो गाड़ी चला रहे थे और न ही शराब पिए हुए थे।
- दुर्भाग्य है कि किसी भारतीय नागरिक को फंसाने के लिए राज्य यानी पुलिस इस हद तक जा सकती है
- निचली अदालत ने रवीन्द्र पाटिल की गवाही को विश्वसनीय माना लेकिन हाई कोर्ट ने उसकी गवाही को सही न मान कर सही फैसला दिया।
- रवीन्द्र पाटिल निचली अदालत में गवाही नहीं देना चाहता था, लेकिन उस पर दबाव बनाकर गवाही दिलाई गई। पाटिल के बयान अदालत में विरोधभाषी रहे हैं।
- सलमान 80 के दशक से नामचीन हस्ती है। उनकी फ़ोटो जनता जानती भी है और फ़ोटो भी लेती है, लेकिन एक भी ऐसा व्यक्ति सामने नहीं आया जो ये कह सके कि सलमान गाड़ी चला रहे थे।
- 28 सितंबर 2002 को 'गर्व' फिल्म की शूटिंग करनी थी। फिल्म की तैयारी के तहत स्वास्थ्य का ध्यान रख रहा था और शराब नहीं पी रहा था।
- 27 सितंबर की शाम को भाई सोहेल खान का फोन आने पर वह कमाल खान, पाटिल और ड्राइवर अल्ताफ के साथ रेन बार गया। उस समय गाड़ी ड्राइवर अल्ताफ चला रहा था।
- फैमिली के पास तीन ड्राइवर है अशोक सिंह, अल्ताफ़ और दत्ता। तीनों का कोई समय फिक्स नहीं है इनको कभी भी काम पर बुलाया जा सकता है।
- कमाल खान, सलमान आधी रात के वक़्त रेन बार पहुंचे थे। भीड़ बहुत थी लाइट कम थी। सोहल और दोस्तों ने ड्रिंक मंगाया। मैंने बस पानी पिया था, शराब नहीं।
- रोशनी कम होने से किसी को दिखाई नहीं दे सकता कि मैंने क्या खाया या पिया
- जब में बार से बाहर आया तो कई लोग ने मेरे साथ फ़ोटो लिया, लेकिन किसी ने शराब की शिकायत नहीं की। बार के मैनेजर ने भी यही कहा है।
- जब रेन बार से बाहर आए तो गाड़ी अल्ताफ चला रहा था और मैं बायीं तरफ बैठा था। रस्ते में करीब 1 बजकर 30 मिनट पर एनिग्मा जुहू के एक और नाइट क्लब में गए जहां सलमान ने केवल पानी पिया था।
- वहां ड्राइवर अल्ताफ़ ने कहा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है वह अशोक सिंह को बुला रहा है।
- 2 बजकर 15 मिनट पर हम बाहर निकले। तब तक अशोक सिंह नहीं आया। तब में ड्राइवर सीट पर बैठा और AC ओन किया और अशोक सिंह का वेट किया।
जब अशोक आया तो ड्राइवर सीट पर वह बैठा। पार्किंग की देख-रेख करने वालों ने भी यही बयान दिया है।
- अभियोजन पक्ष ने गाड़ी खड़ी करने वाले कदम का बयान दर्ज नहीं किया। गवाह के तौर पर नहीं बुलाया। हो सकता है दूसरे गवाह ने यह देख लिया कि मैं ड्राइविंग सीट पर बैठा था जब हम अशोक सिंह का इंतजार कर रहे थे। किसी ने सलमान को गाड़ी चलाते नहीं देखा।
- उसके बाद गाड़ी अशोक ही चला रहा था। होटल से अशोक गाड़ी चला रहा था 40 से 50 की स्पीड पर। सेंट एंड्रू रोड और हिल रोड पर काम चल रहा था।
- वहां पड़े पत्थर और मलबे से गाड़ी का बायां अगला टायर फट गया और गाड़ी बेकाबू होकर अमेरिकन एक्सप्रेस के दफ्तर की सीढ़ियों पर चढ़ गई और हादसा हो गया।
- गाड़ी और बैंक के शटर में कम नुकसान से साबित होता है कि गाड़ी तेज नहीं थी।
- दायीं ओर का दरवाजा जाम होने की वजह से वह ड्राइवर सीट से बाहर आए, लेकिन लोग गुस्सा रहे थे, जिस पर एक जानकार ने उन्हें वहां से घर भेज दिया।
- सुबह करीब 10.30 बजे सलमान बांद्रा थाने पहुंचे तो पुलिस ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने का दबाव है और अशोक सिंह की बजाये उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
- इस दौरान अशोक सिंह को न्यायिक प्रक्रिया के दौरान पेश करने कभी मौका नहीं मिला।
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