देश के सबसे नए राज्य तेलंगाना में राज्य सरकार के इशारे पर हो रहा सर्वे सवालों के घेरे में है। कुल चार लाख सरकारी कर्मचारियों और स्वयंसेवियों की मदद से राज्य के 84 लाख से ज़्यादा लोगों से जुड़ी जानकारियां जुटाने की कवायद शुरू हो गई है।
इसके लिए आज राज्य में सरकारी छुट्टी का ऐलान है। इसके चलते तमाम सरकारी दफ्तर, स्कूल-कालेज, बाज़ार और यातायात के साधन तक बंद हैं।
कुछ लोगों का आरोप है कि इसके जरिये लोगों की नागरिकता की पहचान की जा रही है। आरोप जातीय पहचान करने का है जिससे सीमांध्र के रहने वाले वह लोग परेशान हैं जिनके तेलंगाना में बड़े कारोबारी और व्यावसायिक हित हैं।
खबर है कि मुंबई, सूरत और अन्य जगहों पर रह रहे तेलंगाना के लोगों से भी सर्वेक्षण के लिए अपने निवास स्थल लौटने को कहा गया।
हालांकि, राज्य की टीआरएस सरकार ने यह साफ़ कर दिया है कि इससे किसी की नागरिकता की पहचान नहीं की जा रही है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने इस विराट सर्वे का आदेश दिया है। उनका तर्क है कि इस सर्वे से सरकारी सुविधाओं को लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाया जा सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी इस सर्वे से डरने की जरूरत नहीं है।
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