विज्ञापन
This Article is From Apr 30, 2022

108 पूर्व नौकरशाहों की चिट्ठी के जवाब में 197 पूर्व जज और पूर्व सेना अफसरों का PM मोदी को खुला खत

ताजा पत्र में 197 बुद्धिजीवियों ने 108 पूर्व नौकरशाहों पर पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा और देश के कुछ हिस्सों में हालिया रामनवमी और हनुमान जयंती के जुलूसों के दौरान सांप्रदायिक तनाव पर अपनी चुप्पी साधने पर भी सवाल उठाया है.

108 पूर्व नौकरशाहों की चिट्ठी के जवाब में 197 पूर्व जज और पूर्व सेना अफसरों का PM मोदी को खुला खत
PM मोदी को लिखी नई चिट्ठी में कहा गया है कि उन्हें विश्वास है कि सरकार पूर्व नौकरशाहों की भावनाओं की अपेक्षा जन भावना को स्थान देगी.
नई दिल्ली:

देश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को लेकर 108 पूर्व नौकरशाहों की खुली चिट्ठी के जवाब में अब 197 प्रबुद्ध लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नाम खुला पत्र लिखा है. इनमें आठ पूर्व जज, 97 पूर्व नौकरशाह और 92 सेना के पूर्व अफ़सर हैं. इन लोगों ने देश में नफरत की कथित राजनीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखने वाले पूर्व नौकरशाहों के इरादों पर सवाल उठाए हैं. 

प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में 197 हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा है: “हम, चिंतित नागरिकों के रूप में, एक स्वयंभू संवैधानिक आचरण समूह (self-styled Constitutional Conduct Group (CCG)) द्वारा प्रधान मंत्री को लिखी गई खुली चिट्ठी का समर्थन नहीं करते हैं, जिसमें नफरत की राजनीति खत्म करना का प्रधानमंत्री से आह्वान किया गया था."

नई चिट्ठी में बुद्धिजीवियों ने आरोप लगाया है, "यह उच्च स्तर के नागरिकों के रूप में खुद की तरफ ध्यान आकर्षित कराने के उद्देश्य से बार-बार किया गया एक प्रयास है, जबकि वास्तविकता यह है कि यह स्पष्ट रूप से मोदी सरकार विरोधी एक राजनीतिक अभ्यास है, जो यह समूह समय-समय पर करता रहा है."

डबल इंजन की सरकार में सबका साथ,सबका विकास : असम में बोले पीएम नरेंद्र मोदी

चिट्ठी में कहा गया है कि उन्हें विश्वास है कि सत्तारूढ़ व्यवस्था पूर्व नौकरशाहों की भावनाओं की अपेक्षा जन भावना को स्थान देगी. इसके साथ ही हस्ताक्षरकर्ताओं ने पूर्व सिविल सेवकों के खुले पत्र को "खाली पुण्य संकेत" करार दिया है और कहा है कि "वे वास्तव में नफरत की राजनीति को हवा दे रहे हैं और अपने पेटेंट पूर्वाग्रहों और झूठे चित्रण के साथ वर्तमान सरकार के खिलाफ नफरत पैदा करने का प्रयास करके मुकाबला करना चाहते हैं."

ताजा पत्र में 197 बुद्धिजीवियों ने 108 पूर्व नौकरशाहों पर पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा और देश के कुछ हिस्सों में हालिया रामनवमी और हनुमान जयंती के जुलूसों के दौरान सांप्रदायिक तनाव पर अपनी चुप्पी साधने पर भी सवाल उठाया है.

"नफरत भरी तबाही का उन्माद ..." : पूर्व नौकरशाहों ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

नवीनतम खुले पत्र में कहा गया है, “वास्तविकता यह है कि भाजपा सरकार के तहत प्रमुख सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में कमी आई है और जनता द्वारा इसकी सराहना की जा रही है." बुद्धिजीवियों ने पीएम से यह भी गुजारिश की है कि सीसीजी को एक राष्ट्र-विरोधी दृष्टिकोण के साथ-साथ धार्मिक और वामपंथी उग्रवाद को वैचारिक आवरण नहीं देना चाहिए.

बता दें कि चार दिन पहले 108  पूर्व नौकरशाहों ने पीएम नरेंद्र मोदी पत्र लिखकर उम्मीद जताई थी कि वे 'नफरत की राजनीति' को समाप्त करने का आह्वान करेंगे और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नियंत्रण वाली सरकारों में कथित तौर पर इस पर 'कठोरता से' पालन कराएंगे. पूर्व नौकरशाहों ने एक खुले पत्र में कहा था, 'हम देश में नफरत से भरी तबाही का उन्माद देख रहे हैं, जहां बलि की वेदी पर न केवल मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य हैं, बल्कि संविधान भी है.'

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्मू कश्मीर चुनाव को लेकर महिलाओं में कैसा उत्‍साह... जानें किस पार्टी के उम्‍मीदवार सबसे ज्‍यादा अमीर?
108 पूर्व नौकरशाहों की चिट्ठी के जवाब में 197 पूर्व जज और पूर्व सेना अफसरों का PM मोदी को खुला खत
महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद
Next Article
महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com